जीवन में सफलता पाने कि 17 प्रभावकारी सूत्र | Parishram Aur Abhyas Safalta Ki Kunji Par Nibandha

 शायद ही इस दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति होगा, जो अपने जीवन में सफलता ना चाहते हो। हर कोई सफलता का स्वाद रखना चाहता है, लेकिन बहुत कम ही लोग होते हैं जो सफलता हासिल कर पाते हैं। इसका बस सीधा सा कारण है, जो सफलता के नियम को अनुसरण करते हैं वही लोग सफल होते हैं। वैसे तो सफलता की सीक्रेट बहुत है। लेकिन, आज के इस पोस्ट में जीवन में सफलता पाने की 15 सीक्रेट्स के बारे में बात करेंगे।:

Contents

 तो चलिए जानते हैं :Parishram Aur Abhyas Safalta Ki Kunji Par Nibandha के बारें में 

कम सोए 

ये आपकी जीवन की सबसे बड़ा investment होगा जो आपकी जीवन को और ज्यादा उत्पादनशील और बेहतर बना देगा।अधिकांश लोगो को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए 6 घंटे से ज्यादा नींद जरूरी नहीं होता हैं। यदि आप 21 दिनों तक आपकी नियमित समय से 1 घंटा पहले उठने की प्रयास करेंगे तो यह आपके बेहतरीन आदत के रूप में बदल जाएगा  जाएगा।

 याद रखे कि आपको अपनी सेहद के अच्छे के लिए सोना चाहिए,ये नहीं की आपके पास ज्यादा समय हैं तो उसे कटाने के लिए। कल्पना करें,यदि आप सुवह 1 घंटा पहले उठ जाते हैं तो आपको एक महीने में 30 घंटे ज्यादा वक्त मिल जाता हैं। जो की आपके लक्ष्य को हासिल करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता हैं।

हर सुवह एक घंटे अपने व्यक्तित्व विकास के लिए लगाएं 

व्यक्तित्व विकास के लिए सुवह की वक्त सबसे उत्तम माना जाता हैं। आप सबरे उठके ध्यान करें, योगा करें, प्रेरणादायक किताबें पढ़े, प्रेरक संगीत सुने, ऐसा करें की जो आपकों शारीरिक के साथ-साथ दिलो-दिमाग को दिन भर ताजगी दें। इस शांत अवधी को अपने आपको अधिक उत्पादनशील बनाने में लगाए। कमसेकम हप्ता में एक बार सूर्योदय को देखें और खुदको प्रकृति के समीप जुड़े रखे। सुवह की अच्छी सुरुवात आपकी व्यक्तित्व विकास, और प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए सबसे बड़ा रणनीति हैं। इसीलिए हर सुवह की 1 घंटे अपनी अच्छी सेहद के लिए लगाएं ।

समय प्रबंधन 

हर दिन अपने आप से सवाल पूछने के लिए समय निकाले और खुद से सवाल जवाफ करें की आपने क्या सही किया, क्या गलत किया? आप क्या करते तो इससे और बेहतर होता? और क्या आपके ये सही समय हैं? किसी भी काम की सुरुवात करने का? केहते हैं समय की प्रबंधन  जीवन की प्रबंधन हैं। अपनी जीवन में उन चीजों को अनुमती न दें, जो आपको आपकी लक्ष्य की राहो से भटकाते हैं। बहुत साबधानी से अपनी समय की रक्षा करें और उपयोग करें।

सकारात्मक तत्वों पर ध्यान दें

जैसे एक रबर पेन्सिल से लिखा हुआ गलत शब्द को मिटा देता हैं। वैसे हीं अपने दिमाग़ में सकारात्मक भावना रखने से, जो आपके दिलो-दिमाग में बैठे नकारात्मक विचारों एवं भावनाओं को मिटा देतें हैं। नकारात्मक भावना एवं विचार हमारे जीवन को कष्टकर बना देतें हैं। वही साकारात्मक भावना एवं विचार हमारे अंदर आत्मविस्वास बढ़ाता हैं, हमारे मानसिकताको मजबूत बनाता हैं,और हम अपनी लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होते हैं।

अपनी आवाज में उत्साह रखें 

कभी भी किसी का भी फोन आए, उत्साह के साथ निर्भीकता के साथ, शिष्टाचार से बात करें,और सामने वालों के प्रशंसा करना ना भूले। इससे उस व्यक्ति पर आपकी अच्छी छवि पड़ेगी।और आपमें भी अलग सा आत्माविश्वास पैदा हो जाएगा।

अपने साथ हमेशा एक नोटबुक रखें

हम अपनी ऑफिस या बिज़नेस के शिलशीले में हम पुरे दिन में बहुत से लोगो से मिलते हैं। इस दौरान हम बहुत से प्रेरक बातें,नई नई तरीका और उत्कृष्ट विचार सुनते हैं। इनमे से जो आपकी मन को भाता हैं उसे नोट कर लीजिए। जब आप अपनी घर जाते हैं, अच्छे विचार, नई नई तरीके को एक नोटबुक में लिख ले। और समय समय पर उन बातों विचारों पर गौर करें। Oliver Wendell Holmes केहते हैं, जब मनुष्य की दिमाग़ नई नई विचारों से फ़ैलते हैं, तो वापस पहले की जैसा कभी सिंकुड़ता नहीं हैं।

खुद को अनुशासित रखें

हर छुटी के दिन की शाम कि समय अपने लिए अलग रखें और इस आदत के साथ दृढ़ता से अनुशासित रहें। इस समय को अपने पूरे सप्ताह की योजना बनाने में लगाए। अपने किए हुए काम को समीक्षा करें। आप क्या चाहते थे और आपने क्या हासिल किया ये अध्ययन करें। नई नई किताबें पढ़े, प्रेरणादायक किताबें पढ़े, मन प्रशन्न करने वाला संगीत सुनें। यह आदतें आपके पुरे सप्ताह को प्रभावी बनाए रखेगी।

अपने मुख्य सिद्धांत को याद रखें 

हमेशा याद रखें,आपकी जीवन की सफलता, संम्पन्नता और आपकी जीवन की गुणवाता आपकी विचारों की आदानप्रदान करने के कौशल से निर्धारित होते हैं। जैसे आप दूसरों से संवाद करते हैं, वैसे हीं खुद से भी संवाद करें। खुद से बातें करने से ध्यान केंद्रित होता हैं। और ज़ब ध्यान केंद्रित होगा आप जो चाहेंगे वो पा सकते हैं। यह प्रकृति की मौलिक नियम हैं। 

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कर्म करें परिणाम की चिंता न करें

अपनी कर्म पर दृढ रहें, परिणाम की चिंता न करें। दूसरा अर्थ में कहे तो आप अपनी काम करें,जो करना आप पसंद करते हैं। दूसरों कों मदद करें। हर काम में पैसो की की चाहत या पहचान की चाहत न करें, बस अपनी अच्छे कर्म में विश्वास रखें । अच्छे कर्म की परिणाम खुद एक दिन आ जाएगा। ये स्वाभाविक हैं और इस दुनिया का तरीका भी।

दर्पण के सामने हँसे 

हर सुवह 5 मिनट दर्पण के सामने हँसे। Steve Martin भी ये करते थे। हँसी हमारे शरीर के अंदर कई लाभकारी रसायनों को सक्रिय करती हैं,जो हमें बहुत ख़ुशी प्रदान करता हैं। हँसी शरीर को अपनी संतुलन में ले आती हैं। Laughter Therapy नियमित रूप से बहुत सी बीमारियों व्यक्तिओं को इलाज करने में इस्तेमाल किया जाता हैं।और ये खुशहाल जीवन के लिए एक टॉनिक भी हैं।

 एक 4 साल के बच्चे औसतन दिन में 500 बार हँसता हैं, और एक औसत व्यक्ति दिन में 15 बार। हँसी की आदत को Revitalize कीजिए। यह आपके आयु बढ़ा देंगे।

शाम को पढ़ते वक्त मोमबत्ती जलाए

ज़ब आप शाम को पढ़ने बैठ ते हैं तो मोमबत्ती जलाकर पढ़े। क्योंकि मोमबत्ती का प्रकाश सबसे आरामदायक, अद्भुत और सुखदायक वातावरण बनाता हैं। अपने घर को दुनिया से अलग वातावरण दें और इसे महान संगीत, महान किताबें और महान दोस्तों से भरें।

अपनी क़दमों को गिनती करें 

अपनी एकाग्रता बढ़ाने और ध्यान केंद्रित करने वाला शक्ति बढ़ाने के लिए अपनी क़दमों को गणना करें। यह एक विशेष और मजबूत तकनीक हैं। एक लम्बे श्वास के दौरान 6 कदम उठाएं। फिर एक लम्बे श्वास के दौरान 6 कदम रखें। और फिर 6 कदम रखें। यदि साँसो के लिए 6 कदम लम्बा हैं तो आपको जो सहज महसूस होता हैं उतना हीं करें। इस अभ्यास के वाद बहुत सतर्क,ताज़ा और आंतरिक रूप से शांत महसूस करेंगे। सभी सफलता कलाकार एक शांत,स्पष्ट दिमाग़ की शक्ति की सराहना करते हैं जो सभी महत्वपूर्ण कार्यों पर लगातार ध्यान केंद्रित करता हैं।

प्रभावी ढंग से ध्यान करना सीखे

प्रभावी ढंग से ध्यान करना सीखे। मन स्वाभाविक रूप से एक बहुत शोर करने वाली मशीन हैं। जो एक विषय से दूसरे विषय की पर एक बंदर की तरह चलना चाहता हैं। यदि कोई भी मनुष्यको किसी भी चीज को हासिल करना और शांत रहना हैं तो उसे संयम और अनुशासन सीखना चाहिए। यदि 6 महीने तक नियमित रूप से सुवह शाम 20/20 मिनट के लिए ध्यान करते हैं तो आपको असाधारण परिणाम मिलेगा। परापुर्वकाल से सीखे हुए संतो ने 5000 वर्षो से ध्यान के कई लाभो को आगे बढ़ा रहें हैं।

मौन धारण सीखे 

औसतन व्यक्ति मौन धारण और शांति के लिए महीने में 30 मिनट भी नहीं खर्च करते हैं। प्रतिदिन कमसेकम 10 मिनट के लिए मौन धारण और शांति का आनंद लेते हुए चुपचाप बैठने का कौशल विकास करें। आपके जीवन में आपके लिए क्या महत्वपूर्ण हैं इसके बारे में सोचें। अपने लक्ष्य पर चिंतन करें। वास्तव में मौन धारण सुनहरा पल हैं। 

अपनी इच्छा शक्ति को बढ़ाए

यह संभवत सबसे अच्छे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में से एक हैं। आप अपने दिमाग़ को हवा में कागज की टुकरो की तरह तैरने न दें। इसे हर समय केंद्रित रखने के लिए कड़ी मेहनत करें। कोई एक कार्य करते समय मन दूसरा ख्याल आने न दें।जब आप काम करने जाते हैं, अपनी क़दमों की गिनती रखें की आप कितनी कदम में ऑफिस के एक जगह से दूसरे जगह जाते हैं।

 शायद ये सुन के आपको अटपटा सा लगे। वैसे तो यह काम आसान नहीं हैं। लेकिन दोस्तों, इस तरीके से आपका दिमाग़ जल्द हीं समझ जाएगा,और आप आसानी से इसकी बागडोर संभाल सकते हैं। आपकी मन मोमबत्ती की प्रकाश तरह होना चाहिए, जहाँ बस शांत हीं शांत होना चाहिए।

आपकी इच्छा एक मांसपेशी की तरह हैं। आपको इसे पहले व्यायाम करना होगा,और फिर इसे मजबूत होने से पहले धक्का देना होगा। इसमें निश्चित रूप से आपको अल्पकालिक दर्द महसूस होगा। लेकिन, सुधार आ जाएंगे ये आपके चरित्र को और आपके जीवन को सकारात्मकता से भर देंगे।

ज़ब आप भूखे होते हैं, तब आप भोजन के प्रतीक्षा कर ते हैं। जब आप कोई कठिन परिश्रम कर रहें होते हैं, आराम के लिए तो आपके दिमाग़ आपको कोई नई अख़बार उठाने को प्रेरित करता हैं, या किसी दोस्तों से बातें करने को प्रेरित करता हैं। 

हाँ, आपको आपके यही आवेग को रोकना हैं। जल्द हीं आप  शांति से घंटो तक बैठने में सक्षम हो जाएंगे। Newton की एक हीं जगह चुपचाप बैठने की और बहुत लम्बे समय तक किसी रुकावट के सोचने की एक उल्लेखनीय क्षमता थी। यदि वह इसे विकसित कर सका तो आप क्यों नहीं?

 आप दूसरों के साथ अपने आचरण में संयम द्वारा अपनी इच्छाशक्ति का निर्माण भी कर सकते हैं। कम बोले ( 60/40 नियम का पालन करें = 60% समय तक दूसरों का सुनें और  केवल 40% बोलें ) यह न केवल आपको और अधिक लोकप्रिय बना देगा बल्कि आप बहुत कुछ सीख जाएंगे। किसी भी व्यक्ति के बारे में गलत निंदा ना करें।शिकायत करना बंद करें। हंसमुख महत्वपूर्ण और मजबूत व्यक्तित्व का विकास करें। इससे आप दूसरों को भी प्रभावित कर सकते हैं।

 जब भी आपके दिमाग में कोई नकारात्मक विचार आए, उसे तुरंत सकारात्मक विचार के साथ बदल दे। सकारात्मक हमेशा नकारात्मक पर हावी होता है और आपके दिमाग को केवल सबसे अच्छे विचार सोचने के लिए वातानुकूलित होना पड़ता है। नकारात्मक सोच एक ऐसी बात वातानुकूलित प्रक्रिया है जिससे नकारात्मक पैटर्न बार-बार बनता रहता है। इसीलिए आप किसी भी सीमा से दूर रहे और खुद को एक शक्तिशाली सकारात्मक विचारक बनाए।

अंतमे:

मुझे, उम्मिद है कि यह पोस्ट आपको अच्छा लग होगा । यदि आपको लगता है कि यह ज्ञानआपके दोस्तो को भि जाननी चाहिए तो सोशल मेडिया मे जरुर शेयर करे : यदि आपके मनमे इस पोस्ट को लेकर कोइ सुझाव हो तो बेझिझक कमेंट बक्स मे लिखे। पोस्ट पढने के लिए आपको बहुत बहुत धंयवाद ।

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