आज हम आपको इस पोस्ट में NATO यानी ( North Atlantic Treaty Organization ) के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। NATO क्या है और यह कितना शक्तिशाली है और इस संगठन में कितना देश शामिल है यह सभी के बारेमें स्पष्ट जानकारी आपको मिल जाएंगे। ऐसे ही ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करते रहने के लिए हमारे वेबसाइट को बुकमार्क करें और सब्सक्राइब जरूर करें।
Contents
NATO Kya Hai Aur Kitna Powerful Hai?
NATO को उत्तरी अटलांटिक संगठन के रूप में भी जाना जाता है। NATO का पूरा नाम North Atlantic Treaty Organization है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और सैन्य साधनों द्वारा अपने सदस्यों राष्ट्रों की सुरक्षा और स्वतंत्रता की गारंटी देना है। NATO का मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में स्थित है। यह संगठन 1949 में वाशिंगटन में स्थापित किया गया था। किसी भी संयुक्त कार्यवाही के संबंध में NATO का कहना है की यह विवादों के शांतिपूर्ण संकल्प के लिए प्रतिबद्ध है।
यह पोस्ट भी जरूर पढ़ें :
- जीम कॉर्बेट नेशनल पार्क से जुड़ी कुछ खास बातें
- केवलादेव नेशनल पार्क के बारे में कुछ खास बातें
- काजीरंगा नेशनल पार्क के बारे में रोचक तथ्य
- पेंच टाइगर रिजर्व के बारे में रोचक तथ्य
- भारत के सभी 53 टाइगर रिजर्व के सूची एवं पूर्ण जानकारी
- दुधवा टाइगर रिजर्व के बारे में रोचक तथ्य
- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के बारे में रोचक तथ्य
- सुंदरबन के बारे में 15 रोचक और आश्चर्यजनक तथ्य
मुख्य रूप से देखा जाए तो, इस संगठन का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक रुप से विश्वास बनाना और सभी सदस्यों की समस्याओं को हल करना है। यदि किसी भी कारण से राजनयिक प्रयास विफल हो जाते हैं, तो उस स्थिति में उनके पास संकट प्रवर्धन संचालन करने की सैन्य शक्ति है। यह एक Collective Eye system का उपयोग करता है जिसके द्वारा सभी स्वतंत्र सदस्य राज्य किसी भी बाहरी द्वारा किए गए हमले के खिलाफ आपस में सहमत हो सकते हैं। NATO सामूहिक सुरक्षा प्रणाली का गठन करता है, प्रणाली के तहत इस संगठन का किसी एक सदस्य राष्ट्र पर किसी गैर राष्ट्रों द्वारा किए गए हमलों को सभी पर हमला माना जाता है और यह सामूहिक रूप से उसका मुकाबला करने के लिए आगे आते हैं।
नाटो ( NATO ) का उदेश्य
- नाटो का स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप की तरफ बढ़ रही सोवियत संघ की साम्यवादी विचारधारा को रोकने के लिए किया गया था।
- राजनैतिक एवं सैन्य बल के माध्यम से संगठन के सभी सदस्य देशों की सुरक्षा और स्वतंत्रता की गारंटी देना है।
- वर्तमान और भविष्य में हो सकने वाले खतरों का सामना करने के लिए उपयुक्त हथियारों के निर्माण एवं प्रबंधन करना।
- NATO संगठन से जुड़े सभी राष्ट्रों के साथ एकजुटता और सामंजस्य को स्थापित करना।
- यूरोप महाद्वीप में लोकतंत्र, नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मानवाधिकार एवं काम प्रशासन के मूल्यों के आधार पर शांति सुनिश्चित करना है।
- NATO संगठन से जुड़े सभी सदस्य राष्ट्रों की क्षेत्र की रक्षा एवं किसी भी प्रकार के संकट को दूर करने का प्रयास करना।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो सकने वाले नए खतरों से बचने के लिए सभी सदस्य राष्ट्र के सामूहिक सुरक्षा के 77 सरकारी सुरक्षा को भी प्रोत्साहित करना है।
- सामुद्रिक या उस से संभावित खतरों से बचने के लिए संगठन से जुड़े अन्य सहयोगियों राष्ट्र से मदद की मांग करना।
नाटो ( NATO ) की संरचना
मुख्य रूप से नाटो की संरचना अच्छा रंगों से बनी है, और यही समझना नाटक को खास बनाती है। नाटो के इन संरचनाओं को हिस्सा कुछ इस प्रकार है।
परिषद ( Council ) – यह नाटो का उच्चतम स्तर का अंग है। जिसका गठन राज्य के मंत्रियों द्वारा किया जाता है और इस मंत्रीस्तरीय बैठक साल में एक बार होते हैं।
उप-परिषद ( Sub-Council ) – नाटो के इस भाग में नाटो से संबंधित सामान्य हित के विषयों पर चर्चा की जाती है। यह परिषद द्वारा नियुक्त राजनयिक प्रतिनिधियों की परिषद से बना है।
रक्षा समिति ( defense committee ) – ईस अंग में सदस्य राष्ट्रों की रक्षा मंत्री शामिल होते हैं। इसका मुख्य कार्य NATO और गैर NATO देशों में रक्षा रणनीति और सैन्य संबंधित विषयों पर चर्चा करना है।
सैन्य समिति ( military committee ) – यह भी नाटो का एक मुख्य हिस्सा है और इसका कार्य परिषद और इसकी रक्षा समिति को सलाह देना है। इसमें सभी सदस्य देशों के सेना प्रमुख भाग लेते हैं और विश्व की शांति पर चर्चा करते हैं।
NATO देशों की सूची 2022
NATO देशों की सूची को जानने से पहले, आपको यह पता होना चाहिए कि देशों की संख्या के मुताबिक, NATO मे कुल 30 देश शामिल है। यूरोप के कुल 27 देश है, यूरेशिया में एक देश और उत्तरी अमेरिका में केवल दो देश है। NATO देशों की पूरी सूची निचे दी गई है, जिसे आप ध्यान से पढ़ें। आपकी शैक्षिक ज्ञान के लिए या बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।
राष्ट्र | सम्मिलित साल |
कनाडा | 1949 |
क्रोशिया | 2009 |
फ्रांस | 1949 |
जर्मनी | 1955 |
ग्रीस | 1952 |
हंगेरी | 1999 |
चेक रिपब्लिक | 1999 |
डेनमार्क | 1949 |
इस्टोनिया | 2004 |
अल्बानिया | 2009 |
बेल्जियम | 1949 |
बुल्गारिया | 2004 |
आइसलैंड | 1949 |
लक्जमबर्ग | 1949 |
मोंटेनीग्रो | 2017 |
नीदरलैंड | 1949 |
इटली | 1949 |
लातविया | 2004 |
लिथोनिया | 2004 |
उत्तरी मेसिडोनिया | 2020 |
नॉर्वे | 1949 |
पोलैंड | 1999 |
स्लोवाकिया | 2004 |
इंग्लैंड | 1949 |
पुर्तगाल | 1949 |
रोमानिया | 2004 |
संयुक्त राज्य अमेरिका | 1949 |
स्लोवेनिया | 2004 |
स्पेन | 1982 |
तुर्की | 1952 |
NATO कितना शक्तिशाली है?
NATO को पूरी दुनिया में सबसे शक्तिशाली संगठन माना जाता है। लेकिन गठबंधन अपने 30 सहयोगी और उनके मित्र देशों पर मिशन और संचालन का समर्थन करने के लिए आधारित है। इस संगठन के माध्यम से, सभी कर्मचारी किसी भी उद्देश्य को पूरा करने के लिए सामूहिक रूप में काम करते हैं। NATO के पास अपनी सशस्त्र सैन्य बल नहीं है, लेकिन इसमें एक स्थाई एकीकृत सैन्य कमान संरचना है। सभी सदस्य देशों के नागरिक और सेना एक साथ काम करते हैं।
NATO मे कोई सैन्य बल नहीं हो सकता है। लेकिन इसमें कई लाभ उपलब्ध है, क्योंकि इसमें इस गठबंधन के सभी सदस्य देशों की सैन्य क्षमता शामिल है। जैसे कि सदस्य देशों की लड़ाकू टैंक, लड़ाकू जेट, पनडुब्बियों आदि जो इस संगठन को अत्यधिक शक्तिशाली बनाता है।
NATO 1949 से ही अपने सैन्य शक्ति बढ़ा रहे हैं, जिसके कारण आज इस संगठन के पास लगभग 35 लाख सैन्य बल है। इस गठबंधन के कारण, सभी सदस्य राष्ट्र निश्चित रूप से एक या दूसरे तरीके से गठबंधन को योगदान देते हैं। Supreme Allied Commander Europe ( SACEUR ) के नेतृत्व में ACO द्वारा सभी नाटो मिशन को संभाला जाता है।
सर्वोच्च सहयोगी कमांडर यूरोप ( SACEUR ) सभी बलों का समन्वय करता है। किसी भी मिशन या ऑपरेशन के पूरा होने के वाद, सभी बल अपने संबंधित देश लौट जाते है।
रूस को यूक्रेन और नाटो के साथ मुद्दा क्या है?
रूस चाहता है कि : यूक्रेन लगायत अन्य पूर्व सोवियत देश NATO में शामिल ना हो। क्योंकि रूस यह नहीं चाहता है की उनके पड़ोसी देशों में NATO के हथियारों की तैनाती न हो। रूस पूर्वी यूरोप से NATO को अपनी सेना वापस लेने की मांग कर रहे हैं और पूर्वी यूरोप में अपनी सैया गतिविधि को बंद करने की मांग करते हैं।
रूस और यूक्रेन शताब्दियों से सांस्कृतिक, भाषायी और पारिवारिक संबंध साझा करते आ रहे हैं। क्योंकि यूक्रेन सोवियत संघ के हिस्से के रूप में रूस के बाद दूसरा सबसे शक्तिशाली सोवियत गणराज्य है।
FAQ:
क्या यूक्रेन नाटो का सदस्य राष्ट्र है?
नहीं, यूक्रेन NATO का सदस्य राष्ट्र नहीं है, लेकिन यूक्रेन NATO का एक भागीदार देश जरूर है, जिसका अर्थ है कि वह भविष्य में NATO में शामिल हो सकता है।
NATO मे कितना राष्ट्र शामिल है?
NATO मे उत्तरी अमेरिका के दो देश, युरेशिया के 1 देश और यूरोप के 27 सहित कुल 30 देश शामिल है।
NATO का स्थापना क्यों हुआ था?
पहला और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद, पश्चिमी यूरोप में सोवियत संघ की साम्यवादी विचारधारा को रोकने के लिए 1949 मे कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस लगायत 12 देशों द्वारा गठन किया गया था।
NATO का मुख्यालय कहां पर है?
NATO का मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में है।