पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बारे में रोचक तथ्य | Interesting Facts About Pilibhit Tiger Reserve in Hindi

पीलीभीत टाइगर रिजर्व,

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के पीलीभीत जिले, लखीमपुर खीरी जिले और बहराइच जिले में स्थित पीलीभीत टाइगर रिजर्व देश के प्रमुख 41 टाइगर रिजर्व में से एक है। यह हिमालय की तलहटी में भारत नेपाल सीमा के साथ और उत्तर प्रदेश में तराई मैदानी इलाकों में फैली हुई हैं। इस टाइगर रिजर्व को निर्धारित समय से पहले बाघों की आबादी दोगुना करने के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। यह टाइगर रिजर्व 800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस टाइगर रिजर्व को 2014 में टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया गया था। पीलीभीत टाइगर रिजर्व वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षक है। इस टाइगर रिजर्व में लगभग 65 बाघ है।

Interesting Fact About Pilibhit Tiger Reserve
Picture Credit: Wikimedia

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Interesting Facts About Pilibhit Tiger Reserve in Hindi

पीलीभीत उत्तर प्रदेश राज्य के एक अद्भुत शहर है। यह लखनऊ से 225 किलोमीटर और बरेली से 50 किलोमीटर दूर है। पीलीभीत के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन पीलीभीत है और सबसे निकटतम हवाई अड्डा अमौसी हवाई अड्डा लखनऊ में है। पीलीभीत शहर दुनिया में बांसुरी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर भारत के अन्य प्रमुख शहरों के साथ सड़क और रेलवे मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

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पीलीभीत टाइगर रिजर्व का इतिहास

उत्तर प्रदेश हमेशा पीलीभीत वन जंगल क्षेत्र को उत्तराखंड के प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के साथ बाघों के संरक्षण क्षेत्र के रूप में विकसित करना चाहता था। साल 2005 में पीलीभीत वन जंगल क्षेत्र को लुप्त प्राय बाघों के निवास स्थान को समर्थन करने हेतु प्रस्ताव बनाया गया और 2008 अप्रैल में इस प्रस्ताव को भारत सरकार के समक्ष पेश किया गया। इस तरह सितंबर 2008 में पीलीभीत बन जंगल क्षेत्र को पीलीभीत टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया गया।

Interesting Fact About Pilibhit Tiger Reserve
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टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले वनस्पतियां

पीलीभीत जिला उत्तर प्रदेश राज्य के घने जंगल वाला जिलों में से एक है। इस जिले के 800 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में जंगल फैले हुए हैं जो जिले के कुल क्षेत्रफल का 23% है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वन वनस्पति, उत्तर भारतीय नम पर्णपाती प्रकार की है, जिसमें साल, शोरिया रॉबस्टा वन हैं।

तराई के इस जंगल और घाँस मैदान में 127 से अधिक प्रकार के जानवरों, 556 से अधिक प्रकार के पक्षी 2,100 से अधिक प्रकार के फूलों और पौधे पाए जाते हैं। इस टाइगर रिजर्व में साल के घने जंगल है जो आरक्षित क्षेत्र का लगभग 76% हिस्सा को कवर करती है। सैकरम, स्कलेरोस्टॉच्या, इम्पेराटा, थिमेडा, ब्रोथीयोक्लोआ, वेटिवेरिया, अप्लूड़ा, डिंचेथियम, डीजीटेरिया और साईपरस जैसे के मैदान पाए जाते हैं।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले मुखिया बनस्पति या इस प्रकार है

  • साल
  • खैर
  • सिस्सू
  • बेर
  • कुठबर
  • बेल
  • ढाक
  • सेमल
  • खींगन
  • खरपत
  • रोहिणी
  • बाकली
  • आवंला
  • हरड़
  • बहेड़ा
  • बकायन
  • आसन
  • फैकस

पीलीभीत टाइगर रिजर्व की भौगोलिक स्थिति

पीलीभीत टाइगर रिजर्व की उत्तरी सीमा शारदा नदी है, जो भारत-नेपाल सीमा को परिभाषित करती है और दक्षिण-पश्चिम सीमा शारदा नदी और घाघरा नदी है। इस टाइगर रिजर्व का कोर जोन क्षेत्र 602.79 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और बफर जोन क्षेत्र 127.45 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह टाइगर रिजर्व समुद्र तल से 168 से 175 मीटर की ऊंचाई में स्थित हैं।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले वन्यजीव

पीलीभीत टाइगर रिजर्व वन्यजीवों में समृद्ध है। टाइगर रिजर्व में लुफ्तप्राय प्रजातियों के साथ 13 प्रकार की स्तनधारियों, नो प्रकार के सरीसृप और 11 प्रकार की उभयचर पाए जाते हैं।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले वन्यजीव इस प्रकार है :

  • बंगाल टाइगर
  • तेंदुआ
  • हाथी
  • लंगूर
  • ऊदबिलाव
  • तेंदुआ बिल्ली
  • दलदली हिरण
  • चित्तीदार हिरण
  • हॉग हिरण
  • काला हिरण
  • सांभर
  • स्लोथ
  • लोमड़ी
  • भारतीय सीवेट
  • सियार
  • लकड़बग्घा
  • बंदर

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले पक्षियों

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 450 से अधिक प्रकार के पक्षियों को देखा गया है। जैसे की :

  • डॉर्टर
  • लेसर व्हिस्टलिंग बतख
  • कॉम्बेड बतख
  • ग्रे पार्टिज
  • ब्लैक पार्टिज
  • मोर
  • रेड जंगल फाउल
  • कमोरंट्स
  • एग्रेट्स
  • बगुले
  • हॉर्नीबिल
  • चील
  • सारस क्रेन
  • जंगली मुर्गी
  • तीतर
  • कौवा
  • गीद्ध
  • तोता
  • ओरिओल्स
  • किंगफिशर
  • कबूतर
  • कठफोड़वा

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले सरीसृप

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में छिपकली, मगरमच्छ, घड़ियाल, कई प्रकार के सांप लगायत 79 से अधिक कार के मछलियां पाई जाती है। जैसे की :

  • मगरमच्छ
  • घड़ियाल
  • किंग कोबरा
  • कॉमन क्रेट
  • कोबरा
  • रसैल
  • अजगर
  • मॉनिटर छिपकली

मछलियों की प्रजाति :

  • गंगा डॉल्फिन
  • कैटफिश
  • रोहू
  • चिलवा
  • गुंच
  • मंगूर
  • सर्पहेड

पीलीभीत टाइगर रिजर्व का सफारी समय

सर्फाबाद सफारी सुबह 6:00 बजे से दोपहर 11:00 बजे तक शाम को 4:00 बजे से 7:00 बजे तक सफारी शुल्क 2,400/-
किशनपुर सफारी 6:00 बजे से 11:00 बजे तक शाम को 4:00 बजे से 7:00 बजे तक सफारी शुल्क 2,700/-
महोफ सफारी 6:00 से 10:00 तक शाम को 4:00 बजे से 7:00 बजे तक सफारी शुल्क 2,700/-
पीलीभीत चि टी सफारी 6:00 से 10:00 तक शाम को 4:00 बजे से 7:00 बजे तक सफारी शुल्क 3,000/-

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास के प्रमुख पर्यटकीय क्षेत्र

चूका तट,

शारदा सागर बांध और शारदा नहर के बीच महोफ़ श्रृंखला के अंतर्गत चूका तट हैं। एक सरकारी संरक्षित क्षेत्र है और माला, हरिपुर, बरही, महोफ़ और देवरिया जिले में स्थित जंगल रिजर्व में से एक है।

चूका वन पीलीभीत जिले में शारदा नदी के तट पर स्थित है। शारदा नदी पर शारदा सागर बांध, शारदा सागर जलाशय बनाता है जो इस वन क्षेत्र को सिंचित करता है और सुंदर परिदृश्य प्रस्तुत करता है।

ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों में समृद्ध पीलीभीत एक ऐसा जिला है जहां पर्यटकों के लिए बहुत कुछ है। पूरे देश के विभिन्न हिस्सों से यहां तक की अन्य देशों से भी लोग यहां के खूबसूरत माहौल, शांति और विभिन्न धार्मिक स्थलों की दर्शन के लिए आते हैं।

महोफ़, फॉरेस्ट रेंज के तहत जंगल की सभी प्राकृतिक सुंदरता और के साथ एक खूबसूरत स्थान है। यह भारत सरकार द्वारा विशेष संरक्षित क्षेत्र है। इस निदृष्ट क्षेत्र में इको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने इसे मनोरंजन स्थल या पिकनिक स्थल के रूप में उपयुक्त बनाने के लिए विशेष ध्यान रखा है जहां पर्यटक आसानी से यात्रा करके आनंद ले सकते हैं जिससे जिला में पर्यटन उद्योग की विकास में मदद मिलती है।

Interesting Fact About Pilibhit Tiger Reserve
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चूका तट पर जाने के सबसे रोमांचक कारको में से एक सड़क यात्रा है। हाईवे की गति, चौड़ी सड़क, हाईवे के दोनों तरफ लगे पीपल और पाकर के पेड़ों का घना और दोनों तरफ से झुके हुए डालियां एक अलग ही रोमांचकारी अनुभव देता है। इस रोड से गुजरते वक्त आपको ऐसा परिदृश्य और अहसास देता है कि जैसे कि आप एक सुरंग से गुजर रहे हैं। कई जगहों पर पाकर और पीपल के पेड़ इतने घने हैं कि प्रकाश की किरण भी इसे नहीं भेद सकते।

जलाशय के पास के सुंदर घास के मैदान में विचरण करते हुए वन्यजीवों को देखने का नजारा और पक्षियों की चहकती आवाज आपको अंदर से रोमांचित कर देंगे। इस क्षेत्र में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से रंगी बिरंगी पक्षी आते हैं और इस क्षेत्र को सुशोभित करते हैं।

जामा मस्जिद

मुगल काल के दौरान निर्मित यह विशाल इमारत इस्लाम धर्मावलंबियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। यह मस्जिद भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित मस्जिद की प्रतिकृति है। जामा मस्जिद का निर्माण 1769 में हाफिज रहमत खान ने करवाया था। इस मस्जिद के निर्माण पर उस दौरान तिन लाख की राशि खर्च की गई थी।

हर शुक्रवार को इस मस्जिद पर इस्लाम धर्मावलंबियों द्वारा नमाज अदा की जाती है। लगभग खंडहर हो चुके इस मस्जिद को पुनर्निर्माण किया जा रहा है। सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को जामा मस्जिद क्षेत्र के बाहर एक बड़ा बाजार लगता है।

दरगाह ए शाहजी मियां

कुतेबे पीलीभीत हजरत किबला हाजी शाह ज़ी मोहम्मद शेर मियां साहिब रहमत उल्लाह आलेह या दरगाह-ए-शाहजी मिंया की पीलीभीत के शहर क्षेत्र के उत्तरी भाग में स्थित है। धर्मावलंबी यहां चादरिया कंबल चढ़ाते हैं, जो एक अनुष्ठान है।

ऐसा माना जाता है की दरगाह पर चादर चढ़ाने से इंसान को उसके सभी कष्टों मुक्ति मिल जाती है।

एक सूफी संत जैसे धार्मिक व्यक्ति के कब्रिस्तान के ऊपर बने एक सूफी इस्लामी मस्जिद को अक्सर दरगाह कहा जाता है जो एक अर्थी शब्द से लिया गया है और यह भारत से प्रभावित इस्लामी दुनिया में एक लोकप्रिय शब्द है।

वेणु का टिला

स्टेशन से करीब 1 किलोमीटर दूर पीलीभीत के पूरनपुर जिले में स्थित राजा वेणु का टीला आज खंडहर हो गया है। हालांकि, खंडहर उस समय की वर्णन करते हैं जब उनके शासनकाल के दौरान राजा वेणु के अधीन यह क्षेत्र फला फूला हुआ था।

पीलीभीत जिले की पुरनपुर तहसील में रेलवे स्टेशन शाहगढ़ से 1 किलोमीटर दूर एक किला स्थित है। इस टिले में राजा वेणु का महल था जो आज पूर्ण रूप में खंडहर में परिवर्तित हो गया है।

गोमत ताल

पीलीभीत शहर के पूर्वी भाग से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर लोकप्रिय गोमत ताल स्थित है, जो एक जलाशय है जहां से गोमती पवित्र नदी निकलती है और इस क्षेत्र से लगभग 800 किलोमीटर दूर पवित्र गंगा नदी में जाकर मिलती है। सूर्य ग्रहण के दौरान गोमत ताल में डुबकी लगाना एक बहुत ही लोकप्रिय रिवाज माना जाता है।

गौरी शंकर मंदिर

यह मंदिर 250 साल पुराना है जो मोहल्ला खाकरा में देवहा और खाकरा नदियों के तट पर स्थित है। कहां जाता है कि पुजारी पंडित हरप्रसाद के पूर्वज अन्य संतों के साथ यहां आए थे। उस समय इस क्षेत्र में घने जंगल था। उन्होंने रात में सपना देखा कि भगवान शंकर यहां है और उसी सुबह उन्होंने भगवान शंकर की मूर्ति देखी। उसके बाद यहां भगवान शिव की एक मंदिर का निर्माण किया गया।

हर साल शिवरात्रि, रक्षाबंधन और हर सोमवार को श्रावण मास के अवसर पर यहां मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर के बाहरी हिस्से में एक धर्मशाला है, जिसे द्वारिका दास बंजारा ने दान में दिया था। मंदिर के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में दो बड़े प्रवेश द्वार हैं। इन द्वारो का निर्माण हाफिज अहमद खान ने करवाया था।

जय संत्री देवी मंदिर

जय संत्री देवी मंदिर,बरेली मंडल के उत्तरी पूर्वी भाग में स्थित, पीलीभीत उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय जिलों में से एक है क्योंकि इसकी धार्मिक प्रमुखता और ऐतिहासिक महत्व है। साथ में यह एक प्रमुख पर्यटक स्थल भी है। इस जिले में कुछ उत्कृष्ट सदियों पुराने मंदिर और मस्जिद मौजूद है जो ऐतिहासिक सत्य को उजागर करता हैं।

जय संत्री देवी मंदिर पीलीभीत शहर में सबसे लोकप्रिय धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। 1858 मैं निर्मित यह मंदिर 150 साल से भी ज्यादा पुराना है। यद्यपि मंदिर का निर्माण और गैर-रखरखाव और अन्य कारकों के कारण खराब हो गया है फिर भी बचा हुआ ढांचा उस समय के सुंदरता की बयान करती है। यह मंदिर वास्तव में उस समय सबसे अच्छे मंदिर में से एक था। रेलवे स्टेशन से कुछ किलोमीटर की दूरी पर आवासीय कॉलोनी के बीच स्थित यह पीलीभीत के सैकड़ों हिंदू धर्मावलंबियों के लिए पूजनीय स्थल है।

अर्धनारीश्वर मंदिर

पीलीभीत शहर एक ऐसा स्थान है जो सभी धर्म और भगवानों के प्रति उनकी आस्था का सम्मान करते हैं। किस शहर में मस्जिद और चर्च के साथ-साथ बेहतरीन मंदिर भी है। उन्हीं मंदिरों में से एक है अर्धनारीश्वर मंदिर, जिनमें जिले भर के कई स्थानों और देश विदेश के भक्त जनों इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।

अर्धनारीश्वर मंदिर हाल ही में पीलीभीत शहर के स्टेशन रोड पर बना एक सुंदर मंदिर है। भगवान शिव और देवी शक्ति द्वारा प्रतिष्ठित इस मंदिर का विशेष महत्व है क्योंकि इसे शहर और उसके आसपास शिव और देवी शक्ति या काली के सभी भक्तों का केंद्र बिंदु माना जाता है। मंदिर को उत्कृष्ट कलाकृति और शानदार वास्तुकला से सजाया गया है जो वास्तव में हर आगंतुकों का ध्यान आकर्षित करता है। जो मंदिर पीलीभीत शहर के मुख्य धार्मिक स्थलों में से एक हैं।

FAQ:

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी कितनी है?

पीलीभीत टाइगर रिजर्व एक पुरस्कार विजेता टाइगर रिजर्व है। जिस टाइगर रिजर्व में घटती हुई बाघों की आबादी को दोगुना बढ़ाई गई थी। 2018 के गणना के अनुसार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में लगभग 65 बाघ है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व कहां पर स्थित है?

पीलीभीत टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश राज्य के पीलीभीत और सहारनपुर जिले में स्थित है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पास से होकर कौन सी नदी बहती है?

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पास से शारदा नदी बहती है जो भारत और नेपाल के सीमा के रूप में विभाजित करती है।

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