केवलादेव नेशनल पार्क, पहले भरतपुर पक्षी अभयारण्य के रूप में जाना जाता था, Interesting Facts About Keoladeo National Park: यह नेशनल पार्क भारत के दो सबसे ऐतिहासिक शहरों, आगरा और जयपुर के बीच स्थित है। यह उत्तर भारतीय पार्क, भारत के राजस्थान राज्य के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है। इस नेशनल पार्क को 1982 में नेशनल पार्क घोषित किया गया था और बाद में 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया। यह नेशनल पार्क 28.7 वर्ग किमी में फैला हुआ है।
केवलादेव नेशनल पार्क में पक्षियों और जानवरों की 370 से अधिक प्रजातियां पाए जाते हैं। जिसे आप नीचे विस्तृत रूप से जान सकते हैं। लेकिन, यह पार्क मुख्य रूप से माइग्रेट साइबेरियन क्रेन के लिए जाना जाता है।
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साइबेरियन क्रेन
साइबेरियन क्रेन ( Grus Leucogeranus ) या साइबेरियन व्हाइट क्रेन, ( Snow Crane ) एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति है। वें तीन समूह में होते हैं। पूर्वी समूह, जो पूर्वी साइबेरिया से चीन की ओर पलायन करता है, मध्य समूह, जो पश्चिमी साइबेरिया से भारत की ओर पलायन करता है और पश्चिमी समूह जो पश्चिमी रूस से ईरान की ओर पलायन करता है। एक वयस्क साइबेरियन क्रेन की ऊंचाई लगभग 5 फीट और वजन 6 किलोग्राम होता है।
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केवलादेव नेशनल पार्क में जैविक विविधता
केवलादेव नेशनल पार्क में, 366 प्रजाति के पक्षियों, 379 प्रजातियों के फूल, 50 प्रजातियों के मछली, 13 प्रजातियों के सांप, 5 प्रजातियों के छिपकली, 7 प्रजातियों के उभयचर, 7 प्रजातियों के कछुए और अन्य कई प्रजातियां पाए जाते हैं।
केवलादेव नेशनल पार्क में पाए जाने वाले कुछ ख़ास पक्षी
- वारब्लर
- बुलबुल
- बंटिंँग
- बब्बलर
- बी-इटर
- चैट
- प्राट्रीज
- बटेर
- द इंडियन ग्रेट हार्नीबिल
- ओस्प्रे
- पैराग्रीन
- इंपीरियल ईगल
- स्पॉटेड ईगल
- ग्रेटर स्पॉटेड ईगल
- पल्लास समुद्री ईगल
- शार्ट टोड ईगल
- टैनी ईगल
- क्रेस्टेड ईगल
- सरपेंट ईगल
- गैडवाल
- शॉवेलर
- ग्रेट कॉमेरंट
- व्हाइट स्पू्नबिल
- कॉमन टील
- कॉटन टील
- तूफ्टेड डक
- इंडियन शेग
- रफ
- पेंटेड स्टार्क
- कॉम्ब डक
- लिटिल कामरेंट
- एशियन ओपन विल स्टार्क
- ओरिएंटल आईबीस
- डार्टर
- कॉमन सैंडपाइपर
- उड़ सैंडपाइपर
- ग्रीन सैंडपाइपर
- सारस क्रेन
केवलादेव नेशनल पार्क में पाए जाने वाले जानवर
- नीलगाय
- हिरण
- चीतल
- भारतीय शाही
- बंगाल लोमड़ी
- जंगली सूअर
- छोटे भारतीय नेवले
- ग्रे भारतीय नेवले
- सियार
- जंगली बिल्लियां
- लकड़बग्घा
- छोटी भारतीय कीवेट
केवलादेव नेशनल पार्क में पाए जाने वाले सरीसृप
- बुलफ्रॉग
- स्किपर मेंढक
- भारतीय अजगर
- मॉनिटर छिपकली
- बी-कलर नोज बैट ( रंगीन चमगादड़ )
- कोबरा
- रसैल वाईपर
केवलादेव नेशनल पार्क के बारे में कुछ खास तथ्य
- केवलादेव नेशनल पार्क भारत के राजस्थान राज्य के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है।
- इस 1982 में नेशनल पार्क घोषित किया गया था और बाद में 1985 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया।
- यह नेशनल पार्क, पक्षियों और जानवरों के 370 से अधिक प्रजातियों का निवास स्थान है, जैसे कि अजगर, सारस, हिरण नीलगाय और बहुत कुछ।
- केवलादेव नेशनल पार्क 1850 के दशक के दौरान एक शाही शिकार रिजर्व के रूप में उभरा और महाराजाओं और अंग्रेजों के लिए एक गेम रिजर्व था। कहा जाता है कि 1943 में एक शिकार पार्टी के लिए हजारों बत्तखो को गोली मार दी गई थी।
- प्रसिद्ध भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृति वादी सलीम अली ने केवलादेव नेशनल पार्क बनाने के लिए सरकारी सहायता प्राप्त करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया।
- केवलादेव नेशनल पार्क माइग्रेट साइबेरियन सारस की उपस्थिति के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
- स्थानीय रूप में इस नेशनल पार्क को ‘घाना’ के नाम से जाना जाता है और यह शुष्क घास के मैदान, वुडलैंड्स, वुडलैंड दलदलो और आद्रभूमियों का मोजेक है।
- इस पार्क में ब्रिटिश वायसराय के सम्मान में हर साल डक शूट फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है।
- यह नेशनल पार्क राजस्थान वन अधिनियम, 1953 के तहत एक आरक्षित वन है और इसलिए, भारतीय संघ के राजस्थान राज्य की संपत्ति है।
- नेशनल पार्क में प्रवासी पक्षियों में क्रेन, पेलीकन, गीज, बत्तख़, चील, हॉक्स, शैँक्स, स्टिंट्स, वैगटेल, वारब्लर, फ्लाईकैचर, बंटीँग, लार्क और पिपिट आदि की कई प्रजातियां शामिल है।
- यह नेशनल पार्क पूरे दिन खुला रहता है। इस पार्क में भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क रु – 25 और विदेशियों के लिए 200 है।
केवलादेव नेशनल पार्क अवलोकन करने का सबसे अच्छा समय
केवलादेव नेशनल पार्क में गर्मियों के मौसम में बहुत ही गर्मी होती है। इस नेशनल पार्क में गर्मियों में तापमान इतनी बढ़ जाती है कि पर्यटकों के लिए वास्तव में यह असहनीय हो जाती है। मानसून के मौसम वह समय होता है जब पंछी घोंसला बनाना शुरू कर देते हैं, लेकिन वर्षा इतनी अधिक नहीं होती है, इसलिए आद्रता आगंतुकों के लिए कुछ समस्याएं पैदा कर सकती है। इस पार्क का अवलोकन करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और फरवरी के बीच है, जब जलबायु सबसे हल्की होती है और आगंतुकों को बहुत सारे प्रवासी पक्षी देखने को मिलते है।
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FAQ:
केवलादेव नेशनल पार्क किसके लिए प्रसिद्ध है?
केवलादेव नेशनल पार्क भारत के राजस्थान राज्य में स्थित है। यह नेशनल पार्क प्रवासी जलपक्षी पक्षी के लिए प्रसिद्ध है।
केवलादेव नेशनल पार्क को घना क्यों कहा जाता है?
केवलादेव नेशनल पार्क या घाना नेशनल पार्क जिसे पहले भरतपुर राजस्थान में भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य के रूप में जाना जाता था, इसीलिए स्थानीय लोग इस नेशनल पार्क को घाना भी बोलते हैं।
केवलादेव नेशनल पार्क में कौन सा जानवर पाए जाते हैं?
केवलादेव नेशनल पार्क में पाए जाने वाला जानवर इस प्रकार है, हिरण, जंगली सूअर, ब्लैकबग, चीतल, नीलगाय, सियार, भारतीय साही आदि।
केवलादेव नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है?
केवलादेव नेशनल पार्क भ्रमण करने के लिए वर्ष के किसी भी समय में जा सकता है, क्योंकि यह पूरे वर्ष खुला रहता है। अगस्त से नवंबर प्रजनन पक्षियों को देखने के लिए सबसे अच्छा समय होता है, जबकि अक्टूबर से फरवरी आप विभिन्न प्रकार के प्रवासियों पक्षी को देख सकते हैं। हालांकि कुछ प्रवासी पक्षियों को मार्च के दौरान भी देखा जा सकता है।