भद्रा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, भद्रा टाइगर रिजर्व कर्नाटका राज्य के चिकमगलूरू जिले में स्थित प्रोजेक्ट टाइगर के हिस्से के रूप में एक संरक्षित क्षेत्र है। Interesting Facts About Bhadra Tiger Reserve: यह टाइगर रिजर्व भद्रावती शहर के दक्षिण में 23 किलोमीटर की दूरी पर, तारीकेरे शहर से 38 किलोमीटर की दूरी पर और कर्नाटक राज्य के राजधानी बेंगलुरु शहर से 283 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस टाइगर रिजर्व में कई प्रकार के वृक्ष वनस्पति एवं वन्यजीव संरक्षित है । सफारी के लिए यह क्षेत्र प्रसिद्ध है। भद्रा टाइगर रिजर्व के सबसे ऊंची चोटी MSL Hebbe हैं, इसकी ऊंचाई 1,875 मीटर हैं और यह इस टाइगर रिजर्व की सबसे ऊंची चोटी भी हैं।
Contents
Interesting Facts About Bhadra Tiger Reserve
भद्रा टाइगर रिजर्व की इतिहास
भद्रा टाइगर रिजर्व क्षेत्र को पहली बार 1951 में मैसूर की तत्कालीन सरकार द्वारा 77.45 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करते हुए “जागरा घाटी वन्यजीव अभयारण्य” के रूप में घोषित किया गया था। 1974 में, जागरा घाटी वन्यजीव अभयारण्य के आसपास के वनस्पतियों और वन्यजीवों के बारे में एक व्यवस्थित सर्वेक्षण की गई, उसके बाद इसकी क्षेत्र को वर्तमान सीमा तक बढ़ा दिया गया और इस अभयारण्य का नाम बदलकर भद्रा वन्यजीव अभयारण्य कर दिया गया।
यह पोस्ट भी जरूर पढ़ें :
- बंदीपुर नेशनल पार्क के बारे में रोचक तथ्य
- सतपुड़ा नेशनल पार्क के बारे में रोचक तथ्य
- जीम कॉर्बेट नेशनल पार्क से जुड़ी कुछ खास बातें
- केवलादेव नेशनल पार्क के बारे में कुछ खास बातें
- काजीरंगा नेशनल पार्क के बारे में रोचक तथ्य
- पेंच टाइगर रिजर्व के बारे में रोचक तथ्य
- भारत के सभी 53 टाइगर रिजर्व के सूची एवं पूर्ण जानकारी
- दुधवा टाइगर रिजर्व के बारे में रोचक तथ्य
- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के बारे में रोचक तथ्य
- सुंदरबन के बारे में 15 रोचक और आश्चर्यजनक तथ्य
भद्रा वन्यजीव अभयारण्य को 1998 में, प्रोजेक्ट टाइगर के तहत, भादरा टाइगर रिजर्व के रूप में नामित किया गया। भद्रा टाइगर रिजर्व भारत का पहला टाइगर रिजर्व है, जिसने एक सफल ग्राम पुनर्वास कार्यक्रम को पूरा किया है। पुनर्वास योजना 1974 में शुरू की गई थी और 2002 तक पूरी तरह से लागू की गई थी। इस टाइगर रिजर्व क्षेत्र के 26 गांव को सफलतापूर्वक इम.सी. हल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया जो इस टाइगर रिजर्व से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भद्रा टाइगर रिजर्व की भूगोल
भद्रा टाइगर रिजर्व, दो आसन अखंड में विभाजित है। पहला हैं लक्कवली मुथोड़ी खंड और दूसरा बाबादून गिरी खंड। मुख्य पश्चिमी लक्कवली मुथोड़ी खंड 13°22′ से 13°47 उत्तर अक्षांश, 75°29 से 75°45′ पूर्व देशांतर मैं स्थित है। बाबादुन गिरी खंड 13°30′ से 13°33′ N अक्षांश और 75°44′ से 75°47′ पूर्व देशांतर में स्थित है।
भद्रा टाइगर रिजर्व में स्थित MSL Hebbe चोटी समुद्र तल से 615 मीटर से 1,875 मीटर की ऊंचाई में स्थित हैं। यह अति सुंदर टाइगर रिजर्व मुल्लायन गिरी, हेब्बे गिरी, गंगे गिरी, और बाबादुन गिरी जैसे पहाड़ियों कि खड्डी ढलानों से घिरा हुआ है। बाबादुन गिरी रेंज में, हिमालय और नीलगिरि के बिच सबसे उचिँ चोटी हैं मुल्लायन गिरी, जिसकी ऊंचाई 1,930 मीटर हैं।
भद्रा टाइगर रिजर्व के पूर्वी भाग में, इस क्षेत्र सबसे उंची हेब्बे जलप्रपात हैं, जो 168 मीटर कि ऊँचाइयो से गिरती हैं। मानिक्य धारा जलप्रपात, पवित्र बाबादुन गिरी पहाड़ी पर स्थित है, भद्रा नदी कि सहायक नदियां टाइगर रिजर्व से होते हुए पश्चिम की ओर बहती है। इस टाइगर रिजर्व की पश्चिमी सीमा भद्रा जलाशय से क्षति हुई है। भद्रा जलाशय 1,968 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
जगारा और सीरिवासे टाइगर रिजर्व के भीतर स्थित गांव है। भद्रावती, तारीकेरे और बिरुर, इस टाइगर रिजर्व के सबसे नजदीकी शहर है। भद्रावती और बिरूर बड़े महानगर से सड़क मार्ग और रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। भद्रावती से भद्रा बांध और भद्रा डब्ल्यू एल एस दोनों के लिए अक्सर स्थानीय बस सेवा है। इस टाइगर रिजर्व के सबसे निकटतम हवाई अड्डा मैंगलोर में है, जो भद्रा टाइगर रिजर्व से लगभग 163 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भद्रा टाइगर रिजर्व के जलवायु
भद्रा टाइगर रिजर्व के तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस तक भिन्न होता है। इस क्षेत्र में वार्षिक वर्षा औसतन 1200 मिलीलीटर से 2600 मिलीलीटर तक होती है।
भद्रा टाइगर रिजर्व की बायोलॉजी और इकोलॉजी
भद्रा टाइगर रिजर्व जैव विविधता हॉटस्पॉट है। इसके अधिकांश क्षेत्र में शुष्क पर्णपाती वन, नम पर्णपाती वन और हरे-भरे वन है। एमएसल हेब्बे के 615 से 1,875 मीटर कि ऊंचाई तक और बाबादुन गिरी में अद्वितीय शोला वन हैं।
भद्रा टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले वनस्पतियां
भद्रा टाइगर रिजर्व में 120 से अधिक पौधों की प्रजातियां संरक्षित है। इस रिजर्व में बांस और कई प्रकार के औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं। रिजर्व के पूरे वन क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़ इस प्रकार है:
- क्रेप मर्टल ( लांसोलाटा )
- कदम
- थासाल ( तिलियाफोलिया )
- सिम्पोह ( पेंटाग्याना )
- सागौन
- किंडल
- इंडियन-लॉरेल
- शीशम
- भारतीय कीनो पेड़
- सफ़ेद सागौन
- अंजीर का पेड़
- मैगोस्टीन
- किड़िया कैलीसीना
- इंडिगो,
- तड़ीपाम
- सिलोन ओक
- जलारी
- जांबा ट्री
- एक्सेल वुड
- कांटेदार बांस
- माथी
- होन्ने
- नंदी
- तड़ाशालू
- किंडला
भद्रा टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले वन्यजीव
भद्रा टाइगर रिजर्व, वन्यजीवों में समृद्ध है। इस टाइगर रिजर्व में लुप्तप्राय बंगाल टाइगर के अलावा अन्य कई प्रकार के जीव पाए जाते हैं। जो इस प्रकार है :
- बाघ
- हाथी
- भारतीय तेंदुआ
- गौर
- सुस्त भालू
- जंगली सूअर
- काला तेंदुआ
- जंगली बिल्ली
- सियार
- जंगली कुत्ता
- सांभर
- चित्तीदार हिरण
- भौंकने वाला हिरण
- माउस हीरण
- लंगूर
- बोनट मकाक
- पतला लोरीस
- भारतीय सिवेट
- कॉमन पाम सिवेट
- पैंगोलिन
- साही
- उड़ने वाली गिलहरी
- विशाल गिलहरी
भद्रा टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले सरीसृप
भद्रा टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले सरीसृप इस प्रकार है :
- बेल सांप
- किंग कोबरा
- आम कोबरा
- रसैल वाईपर
- बाम्बू पिट वाइपर
- रैट स्नेक
- ऑलिव कीलबैक
- कॉमन वॉल्फ स्नेक
- मार्श मगरमच्छ
- ग्लाइडिंग छिपकली
- भारतीय मॉनिटर
भद्रा टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले पक्षियों
भद्रा टाइगर रिजर्व में, स्थानीय और प्रवासी लगायात 300 से अधिक प्रजाति के पक्षि पाए जाते हैं। उनमें से कुछ मुख्य पक्षी इस प्रकार है :
- ग्रे जंगल फॉवल
- रेड स्परफॉवल
- झाडी बटेर
- पन्ना कबूतर
- ओस्प्रे
- दक्षिणी हरा शाही कबूतर
- कठफोड़वा
- तोता
- पहाड़ी मैना
- रूबी थ्रोटेड बुलबुल
- शमा
- मालाबार ट्रोगन
- हॉर्नबिल
- रैकेट-टेल्ड ड्रोगो
भद्रा टाइगर रिजर्व की मुख्य चुनौतियां
भद्रा टाइगर रिजर्व के निकट के गांवों में मानव आबादी बढ़ने की वजह से, टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्रों में अतिक्रमण एक बढ़ता हुआ खतरा बना हुआ है। स्थानीय के हजारो मवेशियों के चरने से वन्यजीवों के लिए खतरा बढ़ गया है। क्योंकि ये मवेशी पैर और मुंह कि बीमारियों को रिजर्व तक ले जाने में मदद करते हैं।
1989-1999 की समयावधि के दौरान, पशुओं में होने वाले रिंडरपेस्ट नामक बीमारी ने, लगभग जंगली गौर कि आबादी को सफाया कर दिया था, जिसकी संख्या एक हजार से अधिक थी, जिसके वजह से आज गौर के संख्या बेहद कम हो गई है। लेकिन, वर्तमान में स्थानीय मवेशियों के सक्रिय टीकाकरण के सक्रिय कार्यक्रमों के बाद, गौर की आबादी में बढ़ोतरी देखी गई है।
भद्रा टाइगर रिजर्व के आसपास, आबादी के बढ़ने से कई प्रकार के परेशानियां बढ़ गई है। जैसे की, लकड़ी व वन उत्पादों की चोरी तस्करी एवं खरीद बिक्री, मछली पकड़ना और जंगली जानवरों का अवैध शिकार है।
वन विभाग की योजनाओं में, वन्यजीवो की निवास स्थान सुधार, सीमा समेकन, अवैध शिकार को रोकना और आग से सुरक्षा और बुनियादी ढांचे का विकास करना। हालांकि, ऑपरेटिंग फाउंड अपर्याप्त होता है और अक्सर देरी भी हो जाते हैं। जिसके वजह से टाइगर रिजर्व के विभिन्न प्रकार के परेशानियों को समझाने में अड़चने होती है।
कुछ सालों से, टाइगर रिजर्व में बार-बार आग लगने की समस्याएं होती रही है, जो भद्रा टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों की आवास और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। मूल्यवान पेड़ों की लकड़ी की तस्करी एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
भद्रा टाइगर रिजर्व सफारी समय तालिका
भद्रा टाइगर रिजर्व जीप सफारी समय तालिका
- स्थान : तारीकेरे, चिकमंगलूर कर्नाटक
- सुबह 6:30 बजे से 8:30 बजे तक
- दोपहर 4:00 बजे से अपरान्ह 6:00 बजे तक
bhadra wildlife sanctuary,
tungabhadra abhyaran kahan hai,
bagdara abhyaran kahan hai,
vanya jeev abhyaran,
bhadra wildlife sanctuary is famous for,
birds in bhadra wildlife sanctuary,
bhadra tiger reserve in hindi map,
bhadra tiger reserve in hindi wikipedia,
bhadra tiger reserve in hindi name,
bhadra tiger reserve in hindi in english,
bhadra tiger reserve in hindi,
FAQ:
भद्रा टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी कितनी है?
भद्रा टाइगर रिजर्व में लगभग 33 बाघ है।
भद्रा टाइगर रिजर्व की यात्रा का सबसे अच्छा समय क्या है?
भद्रा टाइगर रिजर्व घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी तक है।
भद्रा टाइगर रिजर्व कहां पर स्थित है?
भद्रा टाइगर रिजर्व कर्नाटका राज्य के चिकमगलूर जिले में स्थित है। इसका स्थापना 1951 में किया गया था।
कर्नाटका राज्य में कितने टाइगर रिजर्व है?
कर्नाटका में पांच टाइगर रिजर्व है। बांदीपुर, भद्रा, नागरहोल, दांडेली-अंशी और बी आर टी टाइगर रिजर्व।