आखिर क्या खासियत है दुनिया के सात अजूबे में | Duniya Ke Saat Ajoobe Kaun Kaun Se Hain

दोस्तों, इस पोस्ट में हम दुनिया के सात अजूबों (7 wonders of the world names in Hindi) के बारे में जानेंगे इसके साथ ही आप यह भी जानेंगे कि आखिर सात अजूबों को चुनाव कब से शुरू किया गया, दुनिया के सात अजूबे कौन-कौन से हैं (Duniya ke saat ajoobe kaun kaun se hain) और किस कारण इन्हें दुनिया का सात अजूबा कहा जाता है तो चलिए Duniya Mein Kitne Ajoobe Hain पर हम विस्तार से चर्चा करते हैं ।

दुनिया के सात अजूबों को चुनने का अभियान प्राचीन काल से ही होता आ रहा है 250 ईसा पूर्व में बीजान्टियम के फिलो ने पहले Duniya ke 7 Ajuba को वर्गीकृत किया था ।

वर्तमान में जो सात अजूबे हैं उन्हें चुनने का अभियान सन 2000 में स्विस फाउंडेशन सेवन वंडर्स द्वारा शुरू किया गया इसके लिए एक वेबसाइट का निर्माण किया गया और वहां विश्व भर के 200 से ज्यादा धरोहर को लिस्ट किया गया और फिर विश्व भर के लोगों द्वारा उन धरोहरों पर वोट किया गया जहां 100 मिलियन से अधिक लोगों ने ऑनलाइन वोटिंग किया इस वोटिंग का निर्णय सन 2007 में आया और जिन धरोहरों को सबसे ज्यादा वोट मिले उन्हें दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया ।

Contents

दुनिया के सात अजूबे कौन-कौन से हैं Duniya Ke Saat Ajoobe Kaun Kaun Se Hain

अजूबे का नाम [ 7 Wonders of the World Names in Hindi]निर्माणस्थान
चीन की दीवार (Great Wall of China)8वीं शताब्दीचीन
माचू पिच्चु (Machu Picchu Peru)1430 ई.पेरू
ताजमहल (Tajmahal India)सन 1632भारत
पेट्रा (Petra Jordan)309 ई.पूजोर्डन
चिचेन इत्जा (Chichen Itza Mexico)514 ई.पूमैक्सिको
क्राइस्ट रिडीमर  (Christ the Redeemer Brazil)सन 1931ब्राजील
कोलोज़ीयम (Colosseum Rome)80 ई.पूइटली

चीन की दीवार (Great Wall of China)

Duniya ke saat ajoobe kaun kaun se hain
चीन की दीवार

चीन की दीवार को बनाने का मुख्य उद्देश्य उत्तरी हमलावरों से अपने साम्राज्य की रक्षा करना था ।

इसे मिट्टी और पत्थरों से बनाया गया है इसका निर्माण अलग-अलग राज्यों के शासकों द्वारा किया गया और इसे बाद में आपस में जोड़ा गया ।

चीन की दीवार की लंबाई से संबंधित कोई एक डाटा सामने नहीं आता है इसकी अनुमानित लंबाई 6400 से 6700 किलोमीटर तक की है यह दीवार इतनी लंबी है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है चीन की दीवार विश्व की सबसे लंबी दीवार है

 इस दीवार को बनाने में लगभग 20 से 30 लाख लोगों ने अपने पूरे जीवन भर काम किया और इस दीवार के निर्माण काल में इतिहासकारों की विचारों में मतभेद मिलता है ।

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ताजमहल (Taj Mahal India)

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ताजमहल

ताजमहल भारत देश में स्थित है यह का मकबरा है ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज बेगम की याद में बनवाया था ताजमहल मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया है यह यमुना नदी के किनारे पर स्थित है ताजमहल पूरी तरह से लकड़ियों पर टिका हुआ है यह ऐसी लकड़ियां हैं जिसे पानी मिलने पर और मजबूत होती चली जाती हैं और इन लकड़ियों को पानी पास के नदी यमुना नदी से मिलती है ताजमहल के कारीगर उस्ताद अहमद लाहौरी थे आगरा जिले के ऑफिशियल डेटा के अनुसार ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ

ताजमहल को देखने प्रत्येक वर्ष 20 से 40 लाख लोग यहां आते हैं अक्टूबर-नवंबर एवं फरवरी के महीनों में यहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं

ताजमहल अपनी वस्तु कला के कारण विश्व के सात अजूबों में शामिल है ।

कॉलेजियम (Colosseum Rome)

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कॉलेजियम 

यह इटली देश के राजधानी रोम के मध्य में निर्मित एक विशाल स्टेडियम हैं इसका निर्माण वेस्पियन नामक शासक के द्वारा करवाया गया ।

कॉलेजियम की आकृति अंडाकार है इसकी बैठक क्षमता 50000 दर्शकों की थी जो कि उसे समय के लिए बहुत बड़ी बात थी।

यह रोमन साम्राज्य का सबसे बड़ा अखाड़ा है इस स्टेडियम में पुराने खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ करते थे जिसमें योद्धाओं को जानवरों से लड़ना पड़ता था योद्धा ग्लेडियस बाघों से लड़ते थे जिसके कारण लाखों पशुओं और मनुष्यों की मृत्यु हुई।

वर्तमान में प्राकृतिक आपदाओं के कारण इसके कई भाग नष्ट हो चुके हैं या स्टेडियम बहुत ही विशाल है और अपने विषमता के कारण ही यह विश्व के सात अजूबों में शामिल है ।

चिचेन इट्जा (Chichen Itza Mexico)

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चिचेन मेक्सिको

मेक्सिको में स्थित यह एक प्राचीन मायन मंदिर है यह मंदिर पिरामिड के आकार का है इसके चारों दिशा में 91-91 सीढियां हैं जो कुल मिलाकर 364 होती है जोकि 1 वर्ष (365 दिन) का प्रतीक माना जाता है ।

चिचेन इट्जा पुरातात्विक क्षेत्र के लगभग 4 किलोमीटर पश्चिम की ओर गुफाओं का एक जाल मिला है जिसे बालानकांचे के नाम से जाना जाता है

इन गुफाओं में प्राचीन बर्तन और मूर्तियों का संग्रह है 

इस सभ्यता के नष्ट होने से संबंधित कुछ पुरातात्विक साक्ष्य मौजूद हैं जो कि हमें यह बताते हैं कि एक समय चिचेन इत्जा को लूटा गया और तहस-नहस करके इसे नष्ट कर दिया गया।

पेट्रा (Petra Jordan)

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पेट्रा 

यह जॉर्डन देश में स्थित है ।

पेट्रा यूनानी शब्द पेट्रोस से लिया गया है जिसका मतलब होता है चट्टान ।

पेट्रा शहर अपनी कलाकृति एवं खूबसूरत इमारतों के कारण विश्व के सात अजूबों में शामिल किया गया है इन इमारतों को बड़ी बड़ी चट्टानों को तराश कर बनाया गया था इस शहर में ऐसी बहुत सी इमारतें हैं जिसे पत्थर से तराश कर बनाया गया है

यहां की चट्टानों का रंग लाल होता है इसलिए इसे रोज सिटी भी कहा जाता है ।

क्राइस्ट रिडीमर (Christ the Redeemer Brazil)

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क्राइस्ट रिडीमर

यह ईसा मसीह की एक विशाल प्रतिमा है जो ब्राजील की राजधानी रियो डे जेनेरियो में तिजुका फॉरेस्ट नेशनल पार्क के कोर्कोवाडो पहाड़ में स्थित है ।

क्राइस्ट रिडीमर का निर्माण 1922 से 1931 तक किया गया अर्थात लगभग 9 साल में यह मूर्ति बनकर तैयार हुई इस मूर्ति की बाहरी परतें सोपस्टोन की बनी है इस मूर्ति पर कोई पक्षी ना बैठ सके इसके लिए मूर्ति के ऊपर छोटी छोटी किलें लगाई गई हैं । 

यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है इसकी कुल ऊंचाई 130 फीट मानी जाती है यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टेचू माना जाता है।

यही चीज इसे दूसरों से अलग करती है इसी कारण इसे विश्व के सात अजूबों में शामिल किया गया है ।

माचू पिच्चू (Machu Picchu Peru)

Duniya ke saat ajoobe kaun kaun se hain
माचू पिच्चू

यह दक्षिण अमेरिका के पेरु में स्थित है यहां इंका सभ्यता रहा करती थी इसके निर्माण के कुछ समय बाद स्पेन द्वारा इसे जीत लिया गया और इसे ऐसे ही छोड़ दिया गया जिसके कारण यहां की सभ्यता नष्ट होती चली गई इसलिए इसे लॉस्ट सिटी ऑफ़ इंका भी कहा जाता है ।

साल 1911 में इतिहासकार हीरम बिंघम ने इसकी खोज की और इसे दुनिया के सामने लाया ।

1981 में माचू पिच्छू को पेरू का ऐतिहासिक देवालय घोषित किया गया और 1983 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया 

माचू पिच्छू को इंकाओं की पुरातन शैली में बनाया गया था इसे बनाने में पॉलिश किए हुए पत्थरों का प्रयोग किया गया है

इस स्थल की ऊंचाई समुद्र तल से 2500 मीटर है इतनी ऊंचाई पर इस पुरानी सभ्यता के निवास करने के कारण ही इसे विश्व के सात अजूबों में शामिल किया गया है ।

FAQ:

दुनिया में कितने अजूबे हैं 2023 ?

वर्तमान में जनवरी 2022-23 की स्थिति में दुनिया भर में सात अजूबे शामिल है

दुनिया के सात अजूबों के नाम क्या है ?

दुनिया भर के सात अजूबों के नाम इस प्रकार है
चीन की दीवार 
ताजमहल 
कॉलेजियम 
चिचेन मेक्सिको 
पेट्रा 
क्राइस्ट रिडीमर 
माचू पिच्चू

दुनिया के सात अजूबों में से भारत में कौन सा स्थित है ?

ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में शामिल है यह भारत के आगरा में स्थित है।

भारत में कितने अजूबे हैं ?

दुनिया के सात अजूबों में भारत में केवल एक ही अजूबा है वह है ताजमहल।

सात अजूबे कहां कहां स्थित है ?

चीन की दीवार – चीन
ताजमहल – भारत
कॉलेजियम – इटली
चिचेन – मेक्सिको 
पेट्रा – जॉर्डन
क्राइस्ट रिडीमर – ब्राजील
माचू पिच्चू – पेरू

इस आर्टिकल को आकाश कौशिक के द्वारा बनाया गया है उम्मीद है कि आपको उनसे कुछ नई जानकारी मिली होगी अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं हमारे इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें-

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हमने आज के आर्टिकल में दुनिया के सात अजूबे कौन-कौन से हैं Duniya ke saat ajoobe kaun kaun se hain के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और साथ ही सात अजूबे कहां कहां स्थित है और भारत में कितने अजूबे हैं के बारे में बहुत ही अच्छे ढंग से समझा | आपको यह जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं |

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