भारत के 8 सबसे व्यस्त कार्गो बंदरगाह | Bharat ke 8 Sabse Busiest Cargo Port

 भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने के लिए समुद्र पर निर्भर है। Bharat ke 8 Sabse Busiest Cargo Port: भारत अपनी 7,516.6 किलोमीटर लंबी तट रेखा तिन तरफ से पानी से घिरा हुआ है : पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल सागर। भारत का लगभग 95% व्यापार समुद्र के माध्यम से किया जाता है ओरिया भारत के कुल व्यापार का 70% से अधिक है। इस कारण भारत की अर्थव्यवस्था के लिए समुद्री परिवहन बहुत महत्वपूर्ण ही है। व्यापार की सुविधा के लिए भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह और 200 से अधिक छोटे बंदरगाह है। इस पोस्ट में हमने भारत के कुछ सबसे व्यस्त बंदरगाह को सुचिकृत किया हैं।

 तो चलिए जानते हैं भारत के कुछ सबसे व्यस्त बंदरगाहों के बारे में

Contents

Bharat ke 8 Sabse Busiest Cargo Port

 Bharat ke 8 Sabse Busiest Cargo Port

 पारादीप बंदरगाह – Paradip Port

 पारादीप बंदरगाह 75:7 बिलियन टोन की वार्षिक कार्गो मात्रा के साथ भारत का सबसे व्यस्त कार्गो बंदरगाह हैं। यह भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक गहरे पानी का बंदरगाह है। यह एक कृत्रिम बंदरगाह है जिसका उपयोग सभी मौसमों में किया जा सकता है। इसकी अत्यधिक गहराई इसे 60,000 DWT की मात्रा में बड़े पैमाने पर कार्गो को संभालने की सुविधा देता है। हाल ही में, इस बंदरगाह का विस्तार किया गया था, और 8 मिलियन टन तक के पेट्रोलियम उत्पादों को संभालने के लिए Oil Jetty का निर्माण पूरा किया गया था।

 विशाखापट्टनम बंदरागाह – Visakhapatnam Port 

 कार्गो की मात्रा के हिसाब से विशाखापट्टनम बंदरगाह भारत का दूसरा सबसे बड़ा कार्गो बंदरगाह है। यह बंदरगाह चेन्नई और कोलकाता बंदरगाह के बीच पूर्वी तट पर स्थित है। विशाखापट्टनम बंदरगाह आंध्रप्रदेश के तट पर बना है और यह सबसे गहरा लैंड लॉक बंदरगाह है। यहां मुख्य कार्य को हैंडल में fertilizers, iron ore, manganese ore, spices और लकड़ी शामिल है। इस बंदरगाह में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों को भि संभालने की व्यवस्था है। वर्तमान में बंदरगाह की वार्षिक कार्गो मात्रा 64.2 मिलियन टन है।

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 जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह – Jawaharlal Nehru Port 

 जवाहरलाल नेहरू पोर्ट भारत का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट है। यह मुंबई के पूर्व में न्हावा शेवा नामक द्वीप पर स्थित है। इस बंदरगाह का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया है। इस बंदरगाह के निर्माण का मुख्य उद्देश्य मुंबई बंदरगाह से यातायात की मात्रा को कम करना था। यह बंदरगाह में अत्यधिक मशीनों का उपयोग किया गया है और कंटेनरों को संभालने के नवीनतम तकनीक का उपयोग किया गया हैं। यह बंदरगाह 64 मिलियन टन की वार्षिक कार्गो मात्रा के साथ भारत का तीसरा सबसे व्यस्त बंदरगाह है।

 बॉम्बे बंदरगाह – Bombay Port

 मुंबई पोर्ट ( मुंबई ) एक गहरे पानी का कार्गो पोर्ट है जों भारत के लगभग 20% कार्गो को संभालता है। यह एक शानदार प्राकृतिक बंदरगाह पर स्थित है, जो लगभग 10 12 मीटर गहरा है। बड़े जहाज आसानी से बंदरगाह में प्रवेश कर सकते हैं और निकल सकते हैं। बंदरगाह खाड़ी देशों से खनिज तेल और सूखे माल में माहिर हैं। इस बंदरगाह में निर्यात वस्तुओं में से कपास, कपड़ा, मैग्नीज, तंबाकू और मशीनरी शामिल है जबकि आयात वस्तुओं में कच्चा तेल, कच्चा कपास, उपकरण मशीनरी और दवाएं शामिल है। इसकी वार्षिक कार्गो मात्रा 61 मिलियन टन है।

 कोलकाता बंदरगाह – Kolkata Port

 कोलकाता का बंदरगाह भारत का सबसे पुराना परिचालन बंदरगाह है जिसका निर्माण ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के कब्जे के दौरान किया गया था। यह नदी का बंदरगाह हुगली नदी के तट पर स्थित है भारत के पूर्व का मुख्य प्रवेश द्वार भी है। कोलकाता का बंदरगाह जूट उत्पादों, चाय, स्टील, तांबा, लौह अयस्क और चमड़े की उत्पादों के निर्यात का मुख्य बंदरगाह है। इस बंदरगाह की वार्षिक कार्गो क्षमता 50 मिलियन कौन है।

 बंदरगाहों का महत्व – Importance of Port

 भारत 2011 में दुनिया के 10वें सबसे बड़े आयातक और 19वें सबसे बड़े निर्यातक के स्थान पर था और 2013 में टेक्सटाइल का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया। सरकार ने इस वृद्धि को सुविधाजनक बनाने के लिए बंदरगाहों और अन्य संबंध बुनियादी ढांचे और उपकरणों के विकास में भारी निवेश किया है। भारत के 12 प्रमुख बंदरगाह, इसकी विस्तृत तटरेखा के किनारे स्थित, देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। भारत के अन्य महत्वपूर्ण बंदरगाहों में न्यू मैंगलोर, तूतीकोरिन और जोहोर बंदरगाह शामिल है।

 भारत में कितने कार्गो पोर्ट है?

 Ministry of Port Shipping and Waterways के अनुसार भारत का लगभग 95% व्यापार मात्रा के हिसाब से और 70% मूल्य के हिसाब से समुद्री परिवहन के माध्यम से किया जाता है। यह 13 प्रमुख बंदरगाहों ( 12 सरकारी स्वामित्व वाली और एक प्राइवेट ) और 187 अधिसूचित लघु और मध्यवर्ती बंदरगाहों द्वारा किया जाता हैं।

 India’s top 8 busiest cargo port 

     

क्र. संख्या     बंदरगाह   कूल कार्गो क्षमता ( मिलियन टन )
1पारादीप बंदरगाह75,768
2विशाखापट्टनम बंदरगाह64,210
3जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह64,030
4मुंबई बंदरगाह61,110
5कोलकाता बंदरगाह50,195
6न्यू मंगलौर बंदरगाह37,024
7 तूतीकोरिन बंदरगाह26,405
8जोहोर बंदरगाह25,909

अंतमें :

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FAQ: 

Q1:  भारत के सबसे बड़ा बंदरगाह कौन सा है?

Ans:  भारत के सबसे बड़ा बंदरगाह मुंबई बंदरगाह है। 1873 से परिचालन में, मुंबई पोर्ट भारत का दूसरा सबसे पुराना बंदरगाह है। यह आकार के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह भी है जों 46.3 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और घाटी की लंबाई 8 किलोमीटर हैं।

Q2:भारत के सबसे पुराना बंदरगाह कौन सा है?

Ans:  भारत के सबसे पुराना बंदरगाह कोलकाता बंदरगाह है। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट भारत का सबसे पुराना बंदरगाह, लंदन इंग्लैंड जितना बड़ा क्षेत्र के बराबर है।

Q3: भारत का सबसे गहरा बंदरगाह कौन सा है?

Ans:  भारत का सबसे गहरा बंदरगाह कृष्णापट्टनम बंदरगाह है। यह बंदरगाह प्रतिवर्ष 75 मिलियन टन कार्गो को संभालने में सक्षम है, 18.5 मीटर के गहराइयों के साथ यह भारत का सबसे गहरा बंदरगाह है।

Q4: भारत के सबसे व्यस्त बंदरगाह कौन सा है?

 Ans: भारत के सबसे व्यस्त बंदरगाह न्हावा शेवा बंदरगाह हैं। Blue Water reporting क़े अनुसार, प्रत्येक बंदरगाह पर कॉल करने वाली सीपिंग सेवाओं की संख्या के आधार पर, मुंबई  ( न्हावा शेवा बंदरगाह ) भारत का सबसे व्यस्त बंदरगाह है, जिसमें 30 अंतर क्षेत्रिय शिपिंग सेवाएं है।

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