बंगाल टाइगर के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य, बंगाल टाइगर के बारे में बताओ, Bengal Tiger ke Bare me Batao, amazing facts about the Bengal tiger in Hindi
जब आप एक रॉयल बंगाल टाइगर को जंगल में चलते हुए देखेंगे आप खुद को यह कहते हुए रोक नहीं पाएंगे की यह जंगल का राजा हैं। क्योंकि जब वे चलते हैं, उसके सामने बड़े से बड़े जानवर टिक नहीं पाते हैं। पूरे दुनिया में पाए जाने वाले बाघों में 70% से अधिक भारत में पाए जाते हैं। जिसके बारे में आप इस वेबसाइट के अलग-अलग पोस्ट में अध्ययन कर सकते हैं।
भारत में सबसे अधिक बंगाल टाइगर मध्यप्रदेश राज्य में स्थित पेंच टाइगर रिजर्व में पाए जाते हैं। उसके बाद उत्तराखंड राज्य में स्थित जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पाए जाते हैं। यह दुर्लभ जानवर का आबादी दिन-ब-दिन कम होते जा रहे हैं। रॉयल बंगाल टाइगर के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य जानने के लिए यह पोस्ट अंत तक पढ़े।
Contents
बंगाल टाइगर के बारे में बताओ | Bengal Tiger ke Bare me Batao
बाघों शारीरिक विवरण (Description) | हर बंगाल टाइगर की धारियां अलग अलग होती है, ये ठीक वैसे ही कार्य करती है जैसे की इंसान के उंगलियों के निशान करते हैं। |
आकार (Size) | एक नर बंगाल टाइगर 3 मीटर (10 फ़ीट) तक लंबे हो सकते हैं। ज़ब की मादा बंगाल टाइगर 2.7 मीटर (9 फ़ीट) तक लंबी हो सकती हैं। |
वजन (Weight) | सबसे बड़ा नर बंगाल टाइगर का वजन 225 किलोग्राम तक रिकॉर्ड किया गया हैं। ज़ब की मादा बंगाल टाइगर की वजन 135 किलोग्राम रिकॉर्ड किया गया हैं। |
भोजन (Diet) | बंगाल टाइगर का पसंदीदा शिकार (भोजन) जंगली सूअर, हिरण प्रजातियां, गौर और जंगली भैंस है। |
प्रजनन अवधि | साधारणतया बंगाल टाइगर गर्भधारण के बाद 98 से 110 दिनों में शावकों को जन्म देती हैं। |
प्रजनन क्षमता | बंगाल टाइगर (नर) 4-5 साल के बाद प्रजनन के लिए सक्षम होते हैं, वहीं पर मादा बंगाल टाइगर 3-4 साल के बाद प्रजनन के लिए सक्षम होती हैं |
उम्र (Age) | बंगाल टाइगर की जीवन आयु सरदर 15 से 18 साल की होती हैं। |
देश | बंगाल टाइगर, भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार में पाए जाते हैं। |
निवासस्थान | उष्णकटिबंधीय जंगल, मैंग्रोव, और ऊंचे घास के मैदान |
आबादी | बंगाल टाइगर पूरी दुनिया में केवल 3,000 संख्या में हैं। उन में से 70% अधिक भारत में रहते हैं। |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण – scientific classification
साधारण नाम (Common Name) | बंगाल टाइगर (Bengal Tiger) |
किंगडम (Kingdom) | Animalia |
फाइलम (phylum) | Chordata |
Class | स्तनधारी (Mammalia) |
Order | Carnivora |
Family | Felidae Genus |
Species | Panthera (Tigris) |
बंगाल टाइगर के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य | Amazing Facts About the Bengal Tiger in Hindi
- बंगाल टाइगर भारत और बांग्लादेश का राष्ट्रीय पशु है और इसे बांग्लादेशी मुद्रा पर भी देखा जा सकता है।
- हर बंगाल टाइगर की धारियां अलग अलग होती है ये ठीक वैसे ही कार्य करती है जैसे की इंसान के उंगलियों के निशान करते हैं।
- दुनिया भर में पाए जाने वाले छोटे बड़े बिल्लियों में, बंगाल टाइगर के दाँत (कुत्ते के दाँत) सबसे बड़े होते हैं जो की लगभग 4 इंच लंबे होते है।
- बंगाल टाइगर पेड़ों में भी आसानी से चढ़ सकते हैं। इसके पीछे की तरफ मुड़े नाखून और बड़े पंजे इससे पेड़ चढ़ने के लिए मदद करते हैं।
- बाघ जन्मजात शिकारी होते हैं। जब वे किसी भी जानवर के ऊपर हमला करते हैं, पल भर में उसके जीवन लीला समाप्त कर देती है। जिस बल से वे हमला करते हैं, वह किसी भी जानवर की रीढं की हड्डी तोड़ देता है।
- बाघ लड़ते हुए कभी भी दहाड़ नहीं पाते हैं, बल्कि वे फूफकारते हैं। बाघ तब गर्जते हैं, ज़ब वे दूसरे बाघों को बुलाते हैं।
- बाघ (बड़ी बिल्लियाँ) घरेलू बिल्लियों जैसे ही आदतें रखती है। उदाहरण के लिए, अपने जीवन के पहले सप्ताह के लिए, शावक किसी अन्य घरेलू बिल्ली के बच्चे की तरह ही अंधे होते हैं।
- शेरों के विपरीत, रॉयल बंगाल टाइगर मादा अपने बच्चों का देखभाल करती है। जब वे शिकार करती है तो सबसे पहले मादा टाइगर भोजन करती हैं, उसके बाद ही नर टाइगर भोजन करते हैं।
- रात में बाघों की दृष्टि इंसानों से 6 गुना अधिक होते हैं और सुनने के क्षमता 5 गुना अधिक होते हैं। उनके दहाड़ 2 मील दूर से भी सुनी जा सकती हैं।
- रॉयल बंगाल टाइगर की याददाश्त अन्य जानवरों से अधिक होता है यहां तक कि उनकी याददाश्त इंसानों से भी मजबूत होती है। वे चेहरे नहीं भूलते हैं।
- रॉयल बंगाल टाइगर की लार में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और इसलिए जब वह घायल हो जाते हैं, तो खुद को चाटते हैं की घाव ठिक हो जाए। यह रक्तश्राव को भी रोकता हैं।
- रॉयल बंगाल टाइगर का पसंदीदा शिकार हिरण, जंगली सूअर, जल भैस आदि हैं। लेकिन कभी कभार वे इंसानों का भी शिकार करते हैं।
- बाघ बहुत ही शक्तिशाली होते हैं। यह तब साबित हुआ, ज़ब एक एक मृत बाइसन को बाघ घसीट रहे थे। क्योंकि उन मृत बाइसन का वजन लगभग 1,000 किलोग्राम था जिसे 9 इंसानों ने भी नहीं हिला पाया था लेकिन अकेले बाघ ने इन्हे घसीट लिया था।
- रॉयल बंगाल टाइगर के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि एक बाघ के सबसे पुराने जीवाश्म के शुरुआती निशान श्रीलंका में पाए गए हैं, न की भारत में या बांग्लादेश में। बंगाल टाइगर 16,500 साल पुराना होने का अनुमान है और माना जाता है कि यह पूरे श्रीलंका में मौजूद थे।
बंगाल टाइगर कहां रहते हैं? Bengal Tiger kahan rehte hain?
भारत में पाए जाने वाले बंगाल टाइगर मुख्य रूप से उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण ऊपरी वनों में पाए जाते हैं। बांग्लादेश में, बंगाल टाइगर सुंदरबन मैंनग्रोव क्षेत्र में पाए जाते हैं। सुंदरबन के मैंनग्रोव वे पाए जाने वाले बाघ अच्छे तैराक होते है।
भारत और बांग्लादेश के अलावा बंगाल टाइगर, नेपाल, भूटान, म्यांमार और दक्षिणी तिब्बत में भी पाए जाते हैं। भूटान में वे उपोष्णकटिबंधीय हिमालय की तलहटी और उत्तरी समशीतोष्ण जंगल में रहते हैं।
बंगाल टाइगर कैसे और क्या खाते हैं?
बंगाल टाइगर बेहद शक्तिशाली शिकारी होते हैं। यह अक्सर सुबह और शाम में अधिक सक्रिय होते हैं। ज़ब वे शिकार करते हैं तब वे शिकार का पीछा करने और अचानक हमला करने के लिए लंबी घास और पेड़ों का सहारा लेते हैं।
शिकार करने के बाद, बंगाल टाइगर अपने शिकार को घसीटते हुए सुरक्षित क्षेत्र में लेकर जाता है। बंगाल टाइगर आमतौर पर जंगली भैंस, हिरण प्रजातियां, गौर और जंगली सूअर का शिकार करते हैं। बंगाल टाइगर एक बार में 40 किलोग्राम तक मांस खा सकता है।
क्या बंगाल टाइगर एकांत प्रेमी होता है?
इसका जवाब है हां! बंगाल टाइगर अकेले रहना पसंद करता है। वे दिन का अधिकांश समय छाँव में आराम करते हुए बिताते हैं जिससे उन्हें शिकार करने के लिए ऊर्जा का संरक्षण करने के लिए मदद करते हैं।
बंगाल टाइगर अपनी सीमाओं का निर्धारण करते हैं, अधिकतर मादा बंगाल टाइगर सीमा निर्धारण करती हैं। क्योंकि मादा टाइगर को उनके शावकों को पालना होता है। वे अक्सर ऐसे जगह चुनते हैं, जहां पानी का अच्छी स्रोत हो ताकि शावक गर्म दिनों में ठंडा रह सके।
सुमात्रा टाइगर की तरह, बंगाल टाइगर भी पूरे साल प्रजनन करता है। बंगाल टाइगर का शावक 6 महीने के उम्र में शिकार कौशल सीख लेते हैं। ज़ब शावक 2-3 साल के हो जाते हैं, तो उन्हें अपने मां का साथ छोड़ना होता है। 3 साल के उम्र तक मादा शावक प्रजनन के लिए फिर से तैयार हो जाती है।
बंगाल टाइगर अपनी प्रतिद्वंदी-हमला करने की क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध है। शिकार की कमी हो जाने पर वे अन्य शिकारी जानवर जैसे तेंदुए और भेड़िए जैसे आसपास के शिकारियों को निशाना बनाने के लिए जाने जाते हैं।
बंगाल टाइगर को किन खतरों का सामना करना पड़ रहा है?
वर्तमान समय में बंगाल टाइगर के लिए सबसे बड़ा खतरा है, उनके लिए शिकार का कमी और निवास स्थान का नुकसान। मैंग्रोव क्षेत्र के भीतर रहने वाले बाघ जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होते हैं, क्योंकि समुद्र का स्तर बढ़ता है और मैंग्रोव प्रणालियों की संरचना में परिवर्तन होता है।
वन्यजीवों का अवैध चोरी शिकारी, बंगाल टाइगर की सुरक्षा में सबसे बड़ी खतरा है। शिकारी इन जानवरों का शिकार करते हैं, और उन्हें अलग-अलग देशों में निर्यात करते हैं। खासकर भारत, नेपाल और चीन में यह अधिक होते हैं। बंगाल टाइगर के शरीर के अंग और हड्डियां उच्च मूल्य की होती है। कड़ी कानून और सुरक्षा के बावजूद भी सरकार को अवैध गतिविधि को रोकना मुश्किल हो रहा है।
कस्बों और बस्तियों के करीब रहने वाले बंगाल टाइगर और इंसानों के बीच संघर्ष अधिक हो रहे हैं। उन क्षेत्रों में जहां बाघ और इंसान दोनों एक साथ रहते हैं, अक्सर यह देखा गया है कि बंगाल टाइगर अक्सर समुदाय के भीतर भय पैदा करते है।
आपने किस्से कहानियों में भी ऐसे कई बातें सुने होंगे जो सुन्दरबन से संबधित हो। सालाना सैकड़ो लोग आदमखोर बाघों के आक्रमण में मारे जाते हैं। इसलिए सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा ऐसे अभियान चलाये जा रहे हैं ताकि इंसान और बाघों के बीच के संघर्ष को कम किया जा सकें।
बंगाल टाइगरों के संरक्षण के लिए हम क्या-क्या कर सकते हैं?
भारत और नेपाल में मुख्यतः बंगाल टाइगर की रक्षा के लिए 11 मुख्य संरक्षित क्षेत्र मौजूद है। 1970 के दशक में स्थापित टाइगर प्रोजेक्ट ने आरक्षित क्षेत्रों में बंगाल टाइगर की आबादी को स्थिर करने में मदद की है, हालाकी बंगाल टाइगर की कुल आबादी अभि भी कम होती जा रही हैं।
Wildlife Protection Society of India किसी भी अवैध शिकार गतिविधि पर नजर रखती है, सीमाओं पर खान तलाशी करती है और जब्ती करती है। हालांकि, वे शिकारियों को जप्त करने और उन पर मुकदमा चलाने में सक्षम तो होते हैं, लेकिन मुख्य गिरोह को पता लगाने में बहुत ही मुश्किल होता है। फिलहाल वे सरकार और सुरक्षा स्रोत के साथ गिरोह को खत्म करने के लिए अधिक मेहनत कर रहे हैं।
2012 में, WWF ने ‘Save Tigers Now‘ नामक एक विश्व स्तरीय अभियान बनाया, जो बंगाल टाइगर के खतरो के खिलाफ काम करता है और 2022 तक उनके आबादी को बढ़ाने का लक्ष्य रखा हैं।
निष्कर्ष:
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यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद!
FAQ:
बंगाल टाइगर में क्या खास है?
रॉयल बंगाल टाइगर के शरीरों में पट्टीयों का अनूठा संयोजन और पैटर्न होता है और कोई भी दो टाइगर का पैटर्न एक दूसरे से नहीं मिलता है, जैसे कि दो इंसानों का उंगलियों का निशान एक दूसरे से नहीं मिलता है। टाइगर जन्मजात शिकारी होते हैं। वे किसी भी जानवर के ऊपर हमला करने का सही बिंदु जानते हैं। बंगाल टाइगर जिस बल से हमला करते हैं, वह किसी भी जानवर की रीढ़ तोड़ देता है।
बंगाल टाइगर को रॉयल क्यों कहा जाता है?
कहा जाता हैं की, ब्रिटिश शासन काल के दौरान ब्रिटिश शाही परिवार के एक सदस्य सुंदरबन में एक बंगाल टाइगर का शिकार किया था तभी से इन बाघों को रॉयल बंगाल टाइगर कहा जाने लगा।
2022 में कितने बंगाल टाइगर बचे हैं?
एक सर्वे के अनुसार 2022 में भारतीय जंगलों में बंगाल टाइगर की आबादी 2,000 से भी कम हो गया हैं। इसका प्रमुख कारण है, बढ़ती आबादी और घटती जंगल दूसरा कारण है, जंगलों में बढ़ती अवैध गतिविधि।
क्या बंगाल टाइगर शेर से ज्यादा ताकतवर होते हैं?
क्या बाघ शेरों को मार सकते हैं? Save China’s tigers नामक एक संरक्षण चैरिटी के अनुसार, हालिया शोध इंगित करता है कि बाघ वास्तव में शारीरिक शक्ति के मामले में शेर से अधिक मजबूत होते हैं। एक बाघ आमतौर पर शेर से शारीरिक रूप से बड़ा होता है। अधिकांश विशेषज्ञ एक अफ्रीकी शेर की तुलना में एक साइबेरियाई और बंगाल के बाघ का पक्ष लिया हैं।