ऐनी फ्रैंक की जीवन परिचय, उम्र्र, जन्म तिथि, परिवार, मृत्यु | Anne Frank Biography in Hindi, Age, Birthday, Education, Family, Died, Diary,

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गूगल ने एडोल्फ हिटलर ( नाजि ) द्वारा पीड़ित एनेलीस मैरी फ्रैंक की डूडल बनाकर सम्मानित किया हैं। The Tragedy Life Story of Annelise Marie Frank: क्या आप जानते हैं एनेलिस मैरी फ्रैंक कौन थी, अगर नहीं जानते हैं, तो उनके त्रासदी भरी जीवन कहानी जानने के लिए यह पोस्ट कों पूरा पढ़े।

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वास्तविक नाम ( Real Name )एनेलिस मैरी फ्रैंक ( Annelies Marie Frank )
जन्म तिथि ( Birth Date )12 जून 1929
जन्म स्थान ( Birth Place ) फ्रैंकफर्ट जर्मनी ( Frankfurt Germany )
माता-पिता ( Parents ) पिता : ओटो ( Otto )
माता : एडिथ ( Edith
बहन ( Sister ) मार्गोट ( Margot )
मृत्यु ( Died )मार्च 1945 ( बर्गन-बेल्सन शिविर ) चितिदार टाइफ़स बिमारी के कारण
किताब ( Book ) “Anne Frank
प्रसिद्ध उद्धरण ( Famous Quotes )“अपने आसपास के अभी भी बाकी सारी सुंदरताओं के बारे में सोचें और खुश रहें, लिखते हुए सब कुछ हिला सकता हूं; मेरे दुख मिट जाते हैं, मेरे साहस का पुनर्जन्म होता है” प्रकृति में, धूप में, स्वतंत्रता में, अपने आप में, यह सब आपकी मदद कर सकते हैं।” दान करने से कोई भी गरीब नहीं होता है।”
The Tragedy Life Story of Annalise Marie Frank
Annelies Marie Frank ( 1929 – 1945

Contents

Anne Frank Biography in Hindi

जब वह बड़ी हो रही थी, एनेलीस मैरी फ्रैंक लेख किया पत्रकार बनना चाहती थी। दुर्भाग्य से, प्रलय के दौरान यहूदी-विरोधी उत्पीड़न से उसका जीवन छोटा हो गया। हालांकि, वह इसे देखने में असमर्थ थी, फिर भी उसकी डायरी, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यूरोप में एक यहूदी परिवार के लिए जीवन के सबसे अधिक मान्यता प्राप्त खातों में से एक बन गया।

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The Tragedy Life Story of Annelise Marie Frank
Anne Frank Book

एनेलीस मैरी फ्रैंक की जन्म, प्रारंभिक जीवन और परिवार ( The Birth, Early Life and Family of Anneliese Marie Frank )

एनेलीस मैरी फ्रैंक की जन्म 12 जून 1929 को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में हुआ था। अपनी बड़ी बहन मार्गेट और अपने माता-पिता ओटो और एडिथ के साथ रहती थी। 1933 में, ज़ब एनेलीस मैरी फ्रैंक लगभग 5 वर्ष की थी, उसी समय एडोल्फ हिटलर और यहूदी विरोधी नेशनल सोशलिस्ट पार्टी ने जर्मनी के सत्ता कब्जा कर लिया।

फ्रैंक्स परिवार ने बेहतर जीवन की उम्मीद में नीदरलैंड के एम्स्टर्डम भागने का फैसला किया, इसके लिए उसके पिता व्यवस्था करने के लिए पहले ही चले गए। एनेलीस मैरी फ्रैंक 1934 फरवरी तक जर्मनी के आचेन में अपने दादा-दादी के साथ रही, जब वह एम्सटर्डम में अपने परिवार के बाकी सदस्यों में शामिल हो गई।

एनेलीस मैरी फ्रैंक जल्द ही वहां के वातावरण में घुलमिल हो गई और पास के एक डच स्कूल में भी जाने लगी। हालांकि, एनेलीस मैरी फ्रैंक और उनके परिवार ने नीदरलैंड में सुरक्षा का एहसास कर रहे थे, लेकिन यह सब तब बदल गया जब 9 में नाजी जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण किया और द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ।

इसके 1 साल से भी कम समय में, एडोल्फ हिटलर के नाजी फ़ौजो ने नीदरलैंड पर भी आक्रमण किया। नीदरलैंड की सेना ने नाजियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, और नाजी सेना ने यहूदी गतिशीलता को प्रतिबंधित करने वाले नए कानून को लागू करना शुरू कर दिया।

यहूदी लोगों को अब व्यापार के गैर यहूदी स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं थी और यहूदी बच्चों को अलग यहूदी स्कूल में जाना पड़ता था। इसके तुरंत बाद, सभी यहूदियों को पहचान के लिए अपने कपड़ों पर डेविड का एक सितारा पहनना शुरू करना पड़ा

एडोल्फ हिटलर का “यहूदी हत्या केंद्र” ( Adolf Hitler’s “Jewish Assassination Center” )

1942 की गर्मियों तक नेदरलैंड में यहूदी लोंगो कों जर्मनी सीमा के पास वेस्टर बोर्क शिविर में “काम” पर रिपोर्ट करने के लिए कॉल और नोटिस मिलने लगे। उनमें से कई लोंग इस बात से अनजान थे की नाजी अधिकारी उन्हें दो प्रमुख यहूदी हत्या केंद्रों, ऑशविट्ज-बिरकेनौ और सोबीबोर में लें जा रहे थे।

5 जुलाई, 1942 कों एनेलीस मैरी फ्रैंक की बड़ी बहन मार्गोट कों जर्मनी के एक श्रमिक शिविर में रिपोर्ट करने के लिए एक कॉल आया। कॉल के संदेह में फ्रैंक्स परिवार अपने जीवन रक्षा के लिए डरते हुए, शिविर में रिपोर्ट करने की बजाय छुपने की फैसला किया। अगले दिन पुरे परिवार प्रिंसेंग्राच्चट 263 के स्वामित्व वाले परिवार के कार्यालय के पीछे छिपने लगा। प्रिंसेंग्राच्चट परिवार ने फ्रैंक्स परिवार कों खाने-पीने और जरूरतों की सामान पूरा देने लगा।

फ्रैंक्स परिवार 2 साल तक “गुप्त एनेक्स” में छिपा रहा। उनके छिपने ने कुछ दिन पहले, एनेलीस मैरी फ्रैंक कों अपने 13वें जन्मदिन के दौरान एक डायरी मिली। एनेलीस मैरी फ्रैंक ने छिपे हुए समय के दौरान अपने अनुभवों विचारों और भावनाओं को डायरी में दर्ज करना शुरू कर दिया। उन्होंने लघु कथाएं भी लिखी और अपने जीवन के बारे में एक उपन्यास भी लिखी।

The Tragedy Life Story of Annelise Marie Frank
Anne Frank Diary

नाजियों सैनिक द्वारा ऐनी फ्रैंक और उनके परिवार की गिरफ्तारी ( The arrest of Anne Frank and her family by the Nazis )

दुर्भाग्य से 4 अगस्त 1944 को गेस्टापो ( जर्मन सीक्रेट स्टेट पुलिस ) ने फ्रैंक्स परिवार और उनके साथ छिपे अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया, और उनके साथ दो लोगों कों भी गिरफ्तार कर लिया गया जिन्होंने उन्हें छिपने में मदद की थी। उन सभी को 8 अगस्त 1944 को बेस्टर बोर्क शिविर में भेजा गया और पोलैंड में बने यहूदी हत्या केंद्र में भेजने के लिए तैयार किया गया।

4 सितंबर 1944 को उन्हें, 1,019 अन्य यहूदियों के साथ एक ट्रेन में बिठाया गया और पोलैंड के ऑशविट्ज लें जाया गया। ऑशविट्ज पहुंचने के बाद पुरुष और महिलाओं को अलग अलग कर दिया गया और एनेलीस मैरी फ्रैंक और उनके बड़ी बहन मार्गोट कों उनके उम्र के कारण शारीरिक श्रम के लिए भेज दिया गया।

फ्रैंक्स परिवार के साथ पहुंचे 350 से अधिक यहूदियों कों पहुंचने के बाद ही यहूदी हत्या केंद्र, गैस चैम्बर में लें जाया गया और उन सभी का निर्ममता पूर्वक हत्या गर दिया गया। इस शिविर का हालात बहोत ही भयानक था, लोंग भूख और बीमार से मर रहे थे।

कुछ दिन के बाद एनेलीस मैरी फ्रैंक और उनके बड़ी बहन दोनों टाइफास फीवर से संक्रमित हो गए और मार्च 1945 में उन दोनों की मृत्यु हो गई। इसके बाद सोवियत सेना द्वारा 15 अप्रैल 1945 कों शिविर कों नाजियों से मुक्त करने से कुछ हप्ते पहले एनेलीस मैरी फ्रैंक की माँ एडिथ की भी जनवरी 1945 की शुरुवात में ऑशविट्ज शिविर में मृत्यु हो गई थी।

ज़ब सोवियत सेना ने 27 जनवरी, 1945 कों ऑशविट्ज कों मुक्त किया, तो केवल एनेलीस मैरी फ्रैंक के पिता ओटो ही बच्चे हुए थे। ज़ब उन्हें रिहा किया गया तब उन्हें पता चला की उनके पुरे परिवार की मृत्यु हो चुकी हैं। उसके बाद एनेलीस मैरी फ्रैंक के पिता ओटो नेदरलैंड लौट आए तब उन्हें पता चला की नाजियों से बचने के लिए छिपे हुए जगहों में ओटो के दोस्त मीप गिज ( Miep Gies ) कों एनेलीस मैरी फ्रैंक द्वारा लिखी गई डायरी मिली हैं जिसे उन्होंने सुरक्षित रखा हैं।

एनेलीस मैरी फ्रैंक के पिता ओटो ने उनके बेटी द्वारा लिखित डायरी कों पूरा पढ़ा, जिसमें एनेलीस मैरी फ्रैंक ने लिखी थी वह पत्रकार बनाना चाहती थी।

बाद में 1947 से में इस डायरी कों एक किताब के रूप में छापा गया। यह किताब प्रकाशित होते ही लोकप्रिय हो गया। बाद में इसका 70 से अधिक भाषाओं में अनुवाद करके प्रकाशित किया गया। एनेलीस मैरी फ्रैंक और उनके परिवार जिस घर में छिपे थे उस घर कों 1960 में एनी फ्रैंक हॉउस नामक संग्रहालय में बदल दिया गया।

“अपने आसपास के अभी भी बाकी सारी सुंदरताओं के बारे में सोचें और खुश रहें, लिखते हुए सब कुछ हिला सकता हूं; मेरे दुख मिट जाते हैं, मेरे साहस का पुनर्जन्म होता है” प्रकृति में, धूप में, स्वतंत्रता में, अपने आप में, यह सब आपकी मदद कर सकते हैं।” दान करने से कोई भी गरीब नहीं होता है।”

“ऐनी फ्रैंक”

FAQ:

ऐनी फ्रैंक क्यों प्रसिद्ध हैं?

ऐनी फ्रैंक उनके मार्मिक डायरी के कारण प्रसिद्ध बन गया है, जिसका दुनिया के 70 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है। ऐनी फ्रैंक की डायरी एनेक्सी में ऐनी, उसके परिवार और दोस्तों द्वारा भुक्ति गई भयावह समय का वर्णन करती है। यह भविष्य के लिए उसकी आशाओं और आकांक्षाओं को भी व्यक्त करता है, जिन्हें कभी साकार नहीं किया जा सकता था।

ऐनी फ्रैंक कैसे पीड़ित हुई थी?

ऐनी फ्रैंक और उनके बड़ी बहन मार्गोट कों बर्गन-बेल्सन ( Bergen-Belsen ) शिविर में रखा गया था। जहां स्थिति भयानक था। कैदीयों भूख, ठंड और बिमारियों से तड़प-तड़प कर मर रहे थे। ऐनी और उनके बड़ी बहन भी बीमार ( टाइफ़स फीवर ) हो गई अंततः उन दोनों की मार्च 1945 में दुःखद मृत्यु हो गई।

ऐनी फ्रैंक का प्रसिद्ध उद्धरण ( Quotes ) क्या हैं?

” अपने आसपास के अभी भी बाकी सारी सुंदरताओं के बारे में सोचें और खुश रहें, लिखते हुए सब कुछ हिला सकता हूं; मेरे दुख मिट जाते हैं, मेरे साहस का पुनर्जन्म होता है” प्रकृति में, धूप में, स्वतंत्रता में, अपने आप में, यह सब आपकी मदद कर सकते हैं।” दान करने से कोई भी गरीब नहीं होता है।”

क्या ऐनी फ्रैंक अंधी थी?

नहीं, ऐनी फ्रैंक अंधी नहीं थी। ऐनी फ्रैंक का जन्म 12 जून 1929 कों जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में हुआ था। 5 साल के उम्र में उनका परिवार नाजियों के उत्पीड़न से बचने के लिए नीदरलैंड चले गए। 1940 में नीदरलैंड बिना जी कब्जे के बाद उन्हें और उनके परिवार को नाजियों का भयानक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा जिसमें ऐनी फ्रैंक, उनकी बड़ी बहन मार्गोट और उनके माँ एडिथ की दुःखद मृत्यु हो गई, हालांकि, उनके पिता बच्चे रहे।

ऐनी फ्रैंक की कितनी साल की उम्र में मृत्यु हुई?

ऐनी फ्रैंक की 15 साल की उम्र में मृत्यु हुई थी।

निष्कर्ष:

दोस्तों, मैंने यह पोष्ट ( ऐनी फ्रैंक की जीवन परिचय, उम्र्र, जन्म तिथि, परिवार, मृत्यु | Anne Frank Biography in Hindi, Age, Birthday, Education, Family, Died, Diary, ) बहोत ही मेहनत और रिसर्च के बाद लिख पाया हूँ और आपके सामने लेकर आया हूँ। मुझे उम्मीद हैं की आपको यह पसंद आया होगा।

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